भोपाल, 25 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में मानसूनी बारिश का दौर कमजोर पड़ने से बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति मंे सुधार आ रहा है और राहत शिविरों में पहुंचे परिवार अब अपने घरों को लौटने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बाढ़ से हुए नुकसान का ब्यौरा लिया है।
राज्य में पिछले दिनों हुई बारिश ने तबाही मचाई। राज्य के अधिकांश बांध लबालब हो गए हैं। नदी व नालों का जलस्तर बढ़ने से कई हिस्सों में बाढ़ आ गई। रीवा, सतना और पन्ना जिलों में कई बस्तियां और गांव जलमग्न हो गए थे, जिसके चलते सेना और हेलीकॉप्टर का सहारा लेना पड़ा था। लेकिन, अब स्थितियां सामान्य हो रहीं हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून में राज्य में बाढ़ और भारी बारिश से तीन लाख 79 हजार 542 आबादी प्रभावित हुई है। 102 लोगों की जान गई है। 15 लोग घायल हुए हैं और सात लोग लापता है।
इसके अलावा वर्षा से 2638 मकान पूरी तरह और 38 हजार 641 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में समय-समय पर संचालित राहत शिविरों की संख्या 135 रही है।
सतना के जिलाधिकारी नरेष पाल ने गुरुवार को बताया है कि यहां स्थितियां सुधरी हैं। राहत शिविरों से लोग घरों को लौट गए हैं। इसी तरह रीवा और पन्ना में भी स्थितियां सुधर रही हैं। जनजीवन सामान्य हो रहा है। सड़क मार्गों पर भी आवागमन सामान्य रूप से चलने लगा है।
राजस्थान के कोटा बैराज बांध से चंबल नदी में पानी छोड़े जाने से दो गांव खैराज व नावली वृंदावन जलमग्न हो गए हैं। यहां के लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य के मुख्य सचिव एंटोनी डिसा से बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी ली और केंद्र से मदद की आवश्यकता के संबंध में चर्चा की।
मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री केा अवगत कराया कि प्रदेश के 51 में से 31 जिले अधिक बारिश से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुछ जिलों में खरीफ फसल की बुआई प्रभावित हुई है। साथ ही पशुधन की भी हानि हुई है। उन्होंने बताया कि भारी बारिश से सड़क और पुलों को भी नुकसान पहुंचा है। मकानों के क्षतिग्रस्त होने के परिणामस्वरूप लोगों को शिविरों में ठहराने की व्यवस्था की गई।
केंद्र से सहायता के संबंध में मुख्य सचिव डिसा ने कहा कि प्रदेश में हुए नुकसान के संबंध में राज्य की ओर से केंद्र सरकार को प्रतिवेदन भेजा जा रहा है।