भोपाल, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में फसल की बर्बादी और कर्ज से दबे किसानों की आत्महत्या का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को बैतूल जिले के एक किसान और सत्तारुढ़ दल के सक्रिय सदस्य मूरत वटके (45) ने पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली, जबकि पुलिस मृतक किसान के टीबी का रोगी होने की बात कह रही है। जिले में किसान आत्महत्या की यह तीसरी घटना है।
मोहदा थाना प्रभारी श्यामलाल साहू ने संवाददाताओं को बताया कि बाशिंदा ग्राम में एक आदिवासी किसान मूरत वटके दो दिन पूर्व घर से निकला था। शुक्रवार को उसका शव खेत के समीप पेड़ से लटका मिला। मूरत ने पेड़ से रस्सी के फंदे से लटककर आत्महत्या की है। शव की स्थिति को देखकर पुलिस दो दिन पूर्व आत्महत्या करने की आशंका जता रही है।
मूरत की पुत्री सोना (15) ने बताया कि उसकी मां सरस्वती काम करने के लिए बडनेरा (महाराष्ट्र) गई थी। बुधवार को उसके पिता ने खेत से लौटकर कहा कि फसल खराब हो गई है, कर्ज बहुत है इसलिए यहां रहकर क्या करूंगा। तुम्हारी मां के पास ही काम करने चला जाता हूं।
ग्रामीणों ने बताया कि कर्ज एवं फसल खराब होने से मूरत परेशान था। उसने अपने तीन एकड़ के खेत में सोयाबीन, मक्का, धान की फसल बोई थी। पथरीली जमीन होने से फसल सूख गई थी। उसने बैंक एवं साहूकारों से कर्ज ले रखा था। कर्ज के बोझ से लदा मूरत फसल खराब होने से परेशान था। इसकी पुष्टि मृतक की बेटी सोना करती है। इधर मोहदा थाना प्रभारी श्यामलाल साहू का कहना है कि मृतक टीबी की बीमारी से पीड़ित था।
मूरत ने हाल ही में भाजपा की सक्रिय सदस्यता ली थी। भाजपा मंडल अध्यक्ष भीमपुर रमेश राठौर ने बताया कि लगभग चार दिन पूर्व मूरत उनके पास कुंडबकाजन ग्राम आकर संगठन चुनाव के लिए सक्रिय सदस्यता की रसीद बुक ले गया था।
किसान द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने की जानकारी मिलते ही भैंसदेही विधायक महेन्द्रसिंह चौहान ने बाशिंदा पहुंचकर मृतक के परिजनों को सांत्वना दी। इस दौरान पूर्व जनपद अध्यक्ष सुनील भलावी भाजपा मंडल अध्यक्ष रमेश राठौर, उपाध्यक्ष श्याम जी यादव भी मौजूद थे।