भोपाल -मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बाद आम लोगों की जिंदगी सामान्य हो चली है। शिक्षण संस्थान भी खुलने लगे हैं, इस दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों के टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है, इसी क्रम में पांच सितंबर से पहले पात्र छात्रों के अलावा विद्यालयों और महाविद्यालयों के षिक्षकों को भी टीका लगाने का अभियान चलाया जाने वाला है।
कोरोना के खिलाफ सबसे कारगर हथियार टीकाकरण को माना गया है, यही कारण है कि हर पात्र व्यक्ति को टीका लगाए जाने का अभियान जोरों पर है। राज्य में शिक्षण संस्थाओं में ऑफ लाइन पढ़ाई भी कई कक्षाओं की शुरु हो चुकी है, वहीं कई अन्य कक्षाओं के साथ महाविद्यालयों में भी पढ़ाई शुरु की जाने वाली है। पढ़ाई पूरी गति पकड़े और कोरोना को अपना असर दिखाने का मौका न मिले, इसे ध्यान में रखते हुए छात्रों और शिक्षकों के टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि एक सितंबर से पांच सितंबर के बीच पात्र छात्रों के अलावा शिक्षकों के टीकाकरण का अभियान चलाया जाने वाला है। कोशिश यह होगी कि पांच सितंबर शिक्षक दिवस तक सभी शिक्षकों और छात्रों को टीका लगा दिया जाए। बड़ी संख्या में छात्र और शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें टीका नहीं लगा है, जिन्हें पहला डोज लग चुका है, उन्हें दूसरा डोज लगाने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
ज्ञात हो कि राज्य में शिक्षकों के टीकाकरण के लिए विशेष अभियान पूर्व में चलाया जा चुका है, मगर फिर भी कई शिक्षक टीका लगवाने से रह गए है। इस स्थिति में शिक्षकों और छात्रों के संपर्क में आने पर संक्रमण का खतरा रहता है। इसी को ध्यान में रखकर अब एक बार फिर अभियान चलाया जाने वाला है।
राज्य में टीकाकरण महा अभियान भी चलाए जा चुके हैं और लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अब तक साढ़े चार करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। राज्य में लगभग एक करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे बचे हैं, जिन्हें पहला डोज ही नहीं लगा है।