(खुसुर-फुसुर)-मप्र भाजपा प्रवक्ताओं के पद और अधिकार पर कब्जा जामने वाले पेनलिस्टों को आखिरकार संगठन ने चाबुक फटकार ही दिया.लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा के ये पेनलिस्ट अपने आप को भाजपा प्रवक्ता बताने लगे थे.इसकी आड़ में इनकी दुकानदारी खूब चमक रही थी.
जब प्रवक्ताओं ने इनके इस कृत्य का विरोध किया तब इन्होने उनकी ही जड़ें खोदना शुरू कर दीं.खुसुर- फुसुर होते होते यह बात संगठन तक पहुंची जहाँ भी इन पेनलिस्टों ने अपना दम दिखा दिया.संगठन ने खतरा भांपते हुए पत्र जारी कर पेनलिस्टों का भाजपा मुख्यालय में बयान देना बंद करवा दिया.
अब भाई लोग तरह – तरह के पैंतरे बदल कर कार्य करने की कोशिश कर रहे हैं,कहा भी गया है अति-सर्वत्र वर्जयेत.