(खुसुर-फुसुर)- भाजपा में संगठन की खराब हालत के चलते भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के एक कर्तव्यनिष्ठ पदाधिकारी जब अपनी रोजी-रोटी से महरूम हो गए और महीनों आश्वासन के बाद कुछ नहीं हुआ और न ही उनके मोर्चा अध्यक्ष ने कोई मदद की तब ये महाशय संगठन महामंत्री के कमरे में अपनी गुहार ले कर पहुँच गए जब इन्हें लगा की यहाँ से भी कोई उम्मीद नहीं दिख रही तब ये फट पड़े और आत्महत्या करने का अपना विचार सामने पेश कर दिया.अब तो महामंत्री जी को विचार करने पर मजबूर होना पड़ा और उन्होंने नव नियुक्त अध्यक्ष महोदय को फ़ोन किया,अध्यक्ष ने महापौर को घंटी मारी और पुनः आश्वासन नेता जी को दिया गया.अब देखना यह है की काम हो जाता है या नत्था आत्महत्या की तैयारी करता है.
ब्रेकिंग न्यूज़
- » भारत बनाएगा अब या न्यूक्लियर सबमरीन बेस
- » घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपए की बढ़ोतरी
- » भारतीय शेयर बाजार-सेंसेक्स 3000 पॉइंट गिरा, निफ्टी भी 4 फीसदी टूटा
- » मप्र: भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकार का घर जलाया
- » एमए बेबी बने CPIM के नए महासचिव
- » वक्फ बिल की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी कांग्रेस: जयराम रमेश
- » भोपाल:शराब दुकान के विरोध में धरने पर बैठे रहवासी
- » भोपाल में 10 फीसदी बढ़ा प्रॉपर्टी टैक्स, पानी भी हुआ महंगा
- » वक्फ बिल:JDU के 2 नेताओं ने दिया इस्तीफा
- » सोना 95,000 रुपये