Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 मप्र : पर्यटन निगम के होटलों में मिलेंगे कोदो-कुटकी के व्यंजन | dharmpath.com

Saturday , 23 November 2024

Home » पर्यटन » मप्र : पर्यटन निगम के होटलों में मिलेंगे कोदो-कुटकी के व्यंजन

मप्र : पर्यटन निगम के होटलों में मिलेंगे कोदो-कुटकी के व्यंजन

February 25, 2020 8:26 pm by: Category: पर्यटन Comments Off on मप्र : पर्यटन निगम के होटलों में मिलेंगे कोदो-कुटकी के व्यंजन A+ / A-

भोपाल, 25 फरवरी-मध्यप्रदेश सरकार कोदो-कुटकी का उत्पादन दोगुना करने के साथ उसके उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करने की तैयारी में है। राज्य संचालित पर्यटन विकास निगम के होटलों में इसके व्यंजन मिलेंगे और साथ ही इनके बिक्री केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मंगलवार को मिलेट मिशन (आदिवासी क्षेत्र के उत्पाद से संबंधित) की समीक्षा बैठक में कहा कि कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा एवं मक्का ऐसी फसलें हैं, जो ज्यादातर आदिवासी इलाकों में होती हैं और इसका आदिवासी अपनी जरूरत के मुताबिक उत्पादन करते हैं।

उन्होंने कहा कि कोदो-कुटकी के उत्पादन की भी नीति बनाई जाए। मिलेट मिशन के अंतर्गत आने वाली कोदो-कुटकी फसल के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के साथ ही किसानों को इसके लिए प्रेरित किया जाए।

कमल नाथ ने कोदो-कुटकी के उत्पादन को दोगुना करने और इसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करने को कहा है। साथ ही, उन्होंने इसे राज्य के पर्यटन विकास निगम के होटलों के मैन्यू में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

कोदो-कुटकी की खूबियां बताते हुए उन्होंने कहा, “यह एक ऐसी प्रीमियम फसल है जो स्वास्थ्यवर्धक होने के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग में है। निजी क्षेत्र के सहयोग से कोदो-कुटकी के बुआई क्षेत्र में डेढ़ गुना विस्तार करने के साथ ही आदिवासी किसान 50 फीसदी तक इन फसलों की बुआई करें। इसके लिए कृषि, ग्रामीण विकास विभाग निजी क्षेत्रों के सहयोग से मिलकर एक सुनियोजित रणनीति तैयार करें।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन फसलों की जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिससे हम किसानों की आय में 20 से 25 फीसदी का इजाफा कर सकते हैं।

ज्ञात हो कि कोदो-कुटकी और ज्वार-बाजरा वह अनाज है, जिसकी आदिवासी क्षेत्रों में ज्यादा खेती होती है। आदिवासी वर्ग इसका सेवन भी ज्यादा मात्रा में करता है।

बैठक में शामिल किसान कल्याण एवं कृषि विकास के प्रमुख सचिव अजीत केसरी ने बताया कि मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार, मिलेट मिशन के तहत कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा की फसलों के जैविक एवं सामान्य उत्पादन को दोगुना करने के लिए समयबद्ध कार्ययोजना बनाई गई है।

केसरी ने कहा, “ग्रामीण विकास विभाग के आजीविका मिशन, निजी क्षेत्र के एनजीओ, समितियों और कृषि क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के सहयोग से कार्ययोजना को क्रियान्वित किया जाएगा। मिलेट मिशन के अंतर्गत आने वाली फसलों के प्रमाणित बीजों के अनुसंधान आदि दिशा में भी काम किया जा रहा है।”

मप्र : पर्यटन निगम के होटलों में मिलेंगे कोदो-कुटकी के व्यंजन Reviewed by on . भोपाल, 25 फरवरी-मध्यप्रदेश सरकार कोदो-कुटकी का उत्पादन दोगुना करने के साथ उसके उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करने की तैयारी में है। राज्य संचालित भोपाल, 25 फरवरी-मध्यप्रदेश सरकार कोदो-कुटकी का उत्पादन दोगुना करने के साथ उसके उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करने की तैयारी में है। राज्य संचालित Rating: 0
scroll to top