भोपाल, 12 जून(आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के ऊर्जा व नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि राज्य में वर्ष 2020 तक 20 हजार मेगावट ऊर्जा नवकरणीय क्षेत्र से पैदा की जाएगी। इसके लिए प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाएगा।
राजधानी भोपाल में शुक्रवार को नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए निवेशकों के साथ रि-इन्वेस्ट-2015 को संबोधित करते हुए शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2010 में अलग विभाग बनाया गया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में नवकरणीय ऊर्जा परियोजना की कुल स्थापित क्षमता 438 मेगावट थी, जो अब बढ़कर लगभग 1600 मेगावट हो गई है। प्रदेश ने इस क्षेत्र में वर्ष 2012 की तुलना में 360 प्रतिशत की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2013-14 में 306 मेगावट क्षमता की सौर परियोजना स्थापित की गई, जो देश में सब से ज्यादा थी। उन्होंने निवेशकों को बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 7700 मेगावट क्षमता की पवन ऊर्जा, 273 मेगावट क्षमता की लघु जल एवं 165 मेगावट क्षमता की बयो-मास ऊर्जा परियोजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।
मंत्री शुक्ल ने बताया कि 750 मेगावट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र रीवा जिले में स्थापित किया जा रहा है। जुलाई तक एजेंसी तय कर सितंबर माह में इसके भूमि-पूजन के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में सरप्लस स्टेट है। प्रदेश में अंतर्राज्यीय स्तर पर बिजली की बिक्री करने की अच्छी तैयारी की गई है।
प्रमुख सचिव नवकरणीय ऊर्जा एवं प्रबंध संचालक ऊर्जा विकास निगम मनु श्रीवास्तव ने नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि परियोजना के लिये भूमि आवंटन के अधिकार जिला कलेक्टर को दिए गए हैं। केंद्रीय नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव तरुण कपूर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में वर्ष 2020 में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक लाख 75 हजार मेगावट ऊर्जा क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए सारे देश में निवेशकों को इस क्षेत्र में आकर्षित करने राज्य सरकारों के साथ प्रयास किए जा रहे हैं।
रि-इन्वेस्ट-2015 में निवेशकों को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नवकरणीय ऊर्जा परियोजना के लिए दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी गई। मध्य प्रदेश में वर्ष 2014 में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 12 हजार मेगावट की 194 परियोजना के लिए एक लाख 13 हजार 78 करोड़ रुपये के करारनामे हुए थे।