भोपाल, 30 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्य सूचना आयोग ने तय समय सीमा में आवेदक को चाही गई जानकारी उपलब्ध न कराने पर दो लोक सूचना अधिकारियों (पीआईओ) पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि आयोग के कार्यालय में एक सप्ताह में जमा न करने पर दोनों अफसरों के वेतन से कटौती की जाएगी।
राज्य सूचना आयेाग के कार्यालय से शुक्रवार को मिली जानकारी के अनुसार मानकचंद्र राठौर ने 11 अप्रैल 2011 को नगरपालिका शिवपुरी के तत्कालीन पीआईओ व मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) एसके रैवाल से नपा अधिकारियों के विरुद्घ लंबित जन शिकायतों सहित अन्य जानकारी मांगी थी। यह अनियमितता से संबंधित थी। इस मामले में आयुक्त आत्मदीप ने नगर निगम, बुरहानपुर के आयुक्त एसके रैवाल पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है।
आयुक्त आत्मदीप ने फैसले में कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम के मुताबिक चाही गई जानकारी 30 दिन में उपलब्ध कराना आवश्यक है। पीआईओ ने इसका पालन नहीं किया। उन्होंने अपीलार्थियों को शुल्क व प्रथम अपील संबंधी आवश्यक सूचना भी नहीं दी। तीन वर्ष से अधिक की अवधि गुजरने के बाद जानकारी तब मुहैया कराई गई जब आयोग ने आदेश दिया।
इसी तरह दूसरे प्रकरण में अजय परमार ने लोक निर्माण विभाग संभाग मुरैना के तत्कालीन पीआईओ व कार्यपालन यंत्री आरके गुप्ता से केंद्रीय पंजीयन व्यवस्था के तहत सी श्रेणी के पंजीयन में लगाई गई अतिरिक्त शर्त संबंधी जानकारी मांगी थी, जो नहीं दी गई।
21 जुलाई 11 को मांगी गई यह जानकारी आयोग के आदेश पर चार दिसंबर 2014 को दी गई। आयुक्त आत्मदीप ने इस विलंब के लिए गुप्ता को दोषी करार देते हुए दंडित किया। उन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।