बैतूल, 6 सितंबर ,(आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में जब शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने बैतूल जिले के भुरभुरा गांव के लोगों की सड़क निर्माण की मांग को महत्व नहीं दिया तो गांव वालों ने अपने प्रयास से महज तीन दिनों में दो किलोमीटर लंबी सड़क खुद बना ली।
बैतूल जिले में कालापानी के नाम से मशहूर भीमपुर विकासखंड की बाटलाकला ग्राम पंचायत के भुरभुरा गांव से दामाजीपुरा जाने वाली सड़क जर्जर हो चुकी थी। इस सड़क से आवागमन आसान नहीं था। इस गांव के लोगों ने हर स्तर पर सड़क निर्माण की गुहार लगाई, मगर कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।
भुरभुरा के शिक्षक सोमलाल सलामे ने संवाददाताओं को बताया कि भुरभुरा से दामजीपुरा तक की दूरी दो किलोमीटर है। इस सड़क पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढ़े बन गए थे।
ग्राम पटेल रामलाल ने बताया कि ग्रामवासियों के साथ साथ भुरभुरा ग्राम के स्कूली छात्रों को भी दामजीपुरा स्थित हाईस्कूल एवं हाइयर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने जाने के लिए इस मार्ग का उपयोग करना पड़ता है। सड़क की दुर्दशा सुधारने के लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किया गया, मगर प्रस्ताव पर अमल नहीं हुआ।
इसके बाद स्थानीय एवं जिला के जनप्रतिनिाियों से भी सड़क निर्माण की गुहार लगाई गई, लेकिन बात नहीं बनी। आखिर में गांव वाले खुद सामने आए और दलदल में तब्दील सड़क की हालत सुधारने का बीड़ा उठा लिया।
रामलाल बताते हैं कि गांव के 80-90 परिवारों से 500-500 रुपये चंदा के रूप में लिए गए और प्रत्येक परिवार से दो सदस्यों ने श्रमदान किए। इसके अलावा ताप्ती नदी से रेत और पत्थर लाकर तीन दिनों के भीतर दलदल में तब्दील हो चुकी दो किलोमीटर लंबी सड़क को आवागमन लायक बना दिया गया।