भोपाल, 29 मार्च – कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। इससे घरों से पलायन कर रोजगार की तलाश में परदेस गए लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है और ये लोग अब वापस घरों को लौटने की जद्दोजहद में हैं। गुजरात से कई परिवार ऑटोरिक्शा से ही सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने गांवों की ओर निकल पड़े हैं।
गुजरात के कई हिस्सों से अनेक परिवार ऑटोरिक्शा पर अपनों को लेकर मध्य प्रदेश के मुरैना और उत्तर प्रदेश स्थित अपने घरों की तरफ जा रहे हैं। इसी तरह के कई परिवार शनिवार को शिवपुरी से होकर गुजरे। इन लोगों को शिवपुरी के समाजसेवियों ने भोजन कराया।
ज्ञात हो कि लॉकडाउन के चलते परिवहन के सभी साधन बंद हैं, जिसके चलते कई परिवार अपने घरों तक पहुंचने पैदल ही निकल पड़े हैं। जिसके पास जो साधन है, वह उसका सहारा ले रहा है।
ऑटो से गुजरात से मुरैना लौट रहे पुष्पेंद्र जाटव ने बताया, “गुजरात से आने का कोई साधन न होने से वह अपने ऑटो और अन्य साधनों से ही गांव की ओर निकल पड़े हैं।” एक दर्जन से ज्यादा ऑटो के काफिले में पिछले तीन दिनों से वे लगातार चले रहे हैं।
ये परिवार 14 अप्रैल तक वहीं रुक सकते थे, जहां वे थे। लेकिन इन्होंने ऐसा नहीं किया। उनका कहना है, “पता नहीं कितने दिन रुकना पड़ता। कामकाज बंद हो चुका था, रोजीरोटी की समस्या थी और उनके पास गांव लौटने के अलावा कोई दूसरा रास्ता ही नहीं सूझ रहा था।”
ऑटोरिक्शा से अपने घरों को लौट रहे इन परिवारों में महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। इन लोगों को कई समाजसेवियों ने भोजन का इंतजाम किया। मजदूरों को इस बात का सुकून है कि उन्हें रास्ते में लोगों की मदद मिल रही है।
शिवपुरी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह कंवर ने बताया है , “जिले से गुजर रहे लोगों की मदद की जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से भोजन आदि की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही उन्हें इस महामारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस की सलाह भी दी जा रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि इस बीमारी से अपने और समाज को कैसे बचाया जा सकता है।”