भोपाल, 26 अप्रैल – कोरोना महामारी के चलते उठाए गए एहतियाती कदमों के चलते मध्य प्रदेश के हजारों मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। इन मजदूरों की घर वापसी के प्रयास तेज हो गए हैं। गुजरात से लगभग 24 सौ मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है। इन मजदूरों की 98 बसों से गुजरात के विभिन्न स्थानों से रवानगी भी हो चुकी है और कई बसें राज्य की सीमा में भी आ चुकी हैं। राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की वापसी के लिए योजना बनाई है। इसके तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात भी की। राजस्थान व गुजरात से मजदूर वापस अपने घरों को लौट चले हैं।
मुख्यमंत्री चैहान ने बताया कि गुजरात से 2400 मजदूर 98 बसों से मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो चुके हैं। अन्य राज्यों से भी मजदूरों को शीघ्र प्रदेश वापस बुलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में ही अन्य जिलों में फंसे मजदूरों को बसों से उनके गृह जिलों व गांवों में लाने का कार्य किया जा रहा है। यह क्रम निरंतर जारी रहेगा। मजदूर धैर्य रखें, सभी को लाए जाने की व्यवस्था की जाएगी। मजदूरों को पैदल नहीं चलने देंगे, परेशान नहीं होने देंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय से रविवार को मिली जानकारी के अनुसार गुजरात से आ रहे मजदूरों का राज्य की सीमा में झाबुआ और अलिराजपुर से प्रवेश भी शुरु हो चुका है। यह मजदूर अपने-अपने गांव केा भेजे जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाएगा तथा उन्हें होम क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। आवश्यकता होने पर उन्हें गांव के बाहर एक केन्द्र में भी रखा जा सकता है। इस कार्य में लोग को भी प्रशासन की मदद करना होगी, वहीं बाहर से लौटने वाले साथी मजदूर वर्ग का सहयोग करें और पूर्ण मानवीय ²ष्टिकोण भी अपनाएं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कई परिवारों के बच्चे अन्य राज्यों और अन्य जिलों में हैं, मां-बाप उन्हें वापस बुलाना चाहते हैं। हम उनके लिए भी ई-पास की व्यवस्था कर रहे हैं। ये बच्चे अपने साधनों से अपने घर लौट सकेंगे, परन्तु इंदौर, भोपाल, उज्जैन जैसे संक्रमित जिलों से कोई आएगा-जाएगा नहीं।