भोपाल, 8 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों में आगामी शिक्षा सत्र में जुलाई से प्री-नर्सरी की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। यह पायलट प्रोजेक्ट है, जिसके तहत प्रदेश के आठ जिलांे के 2569 आंगनवाड़ी केन्द्रों में इसकी शुरुआत होगी।
यह निर्णय सोमवार को महिला-बाल विकास मंत्री माया सिंह की अध्यक्षता में हुई प्रारंभिक बाल्यावस्था, देखभाल एवं शिक्षा (ई.सी.सी.ई.) की राज्य-स्तरीय सामान्य परिषद की बैठक में लिया गया।
मंत्री माया सिंह ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास में ई.सी.सी.ई. की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारे सामने दो बड़ी चुनौती हैं, पहली जो बच्चे आंगनवाड़ी में आ रहे हैं उन्हें सभी सेवाएं बेहतर ढंग से मिले यह सुनिश्चित हो। दूसरी यह कि जो बच्चे नहीं आ रहे हैं उन्हें आंगनवाड़ी लाने के सुनियोजित प्रयास हों।
उन्होंने कहा कि इसके लिए यह जरूरी है कि आंगनवाड़ी को इतना बेहतर बनाया जाए कि बच्चे आने के लिए आकर्षित हों। उन्होंने कहा कि सामान्य परिषद के सदस्य बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए तैयार पाठ्यक्रम का गहन अध्ययन करें और उसे अधिक उपयोगी बनाने के अपने सुझाव दें।
ई.सी.सी.ई. में बच्चों के विकास, मनोविज्ञान एवं शिशु शिक्षण सिद्धांत के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसे विषय-विशेषज्ञों के कार्य समूह ने बनाया है। इस पाठ्यक्रम में आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के लिए 19 विषय पर आधारित दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं।
पाठ्यक्रम में अलग आयु के बच्चों के लिए अलग-अलग वर्क बुक तैयार की गई है। इसके लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षकों को दिल्ली में निपसिड में ई.सी.सी.ई. विशेषज्ञों ने प्रशिक्षित भी किया है। जिन आठ जिलों की 14 परियोजना में 2569 आंगनवाड़ी केन्द्र का चयन किया गया है। इनमें 89 हजार 263 बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। यह पायलट प्रोजेक्ट जुलाई माह से शुरू होगा। बेहतर परिणाम आने पर 10,000 आंगनवाडी केन्द्रों में भी इसे लागू किया जाएगा।