जबलपुर, 30 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के केंद्रीय जेल में आय से अधिक संपत्ति के मामले में निरुद्घ बर्खास्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की महिला अधिकारी टीनू जोशी को शुक्रवार को जबलपुर उच्च न्यायालय अंतरिम जमानत दे दी।
जबलपुर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जी.एस. सोलंकी की एकलपीठ ने जोशी को तीन माह की अंतरिम जमानत दे दी।
मालूम हो कि तत्कालीन आईएएस अधिकारी टीनू जोशी व उनके आईएएस पति अरविंद जोशी के घर फरवरी 2010 में आयकर विभाग ने दबिश देकर तीन करोड़ रुपये बरामद किए थे। इतना ही नहीं लोकायुक्त ने दिसम्बर 2010 में आईएएस दंपति के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। आईएएस दंपति को जुलाई 2014 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।
भोपाल की विशेष अदालत ने अगस्त 2014 में टीनू जोशी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जिसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली, जहां से जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने 18 दिसम्बर 2014 को टीनू जोशी को आत्मसमर्पण के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने 13 जनवरी 2015 को भोपाल न्यायालय में समर्पण किया था। तभी से वह न्यायिक हिरासत में भोपाल की केंद्रीय जेल में है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रतुल्य शांडिल्य ने बताया कि आयकर विभाग ने टीनू जोशी को क्लीनचीट प्रदान कर दी है। इसके अलावा वह बीमारी से पीड़ित है और उनकी गर्भाशय की शल्य क्रिया आवश्यक है। चिकित्सा सुविधा के लिए उच्च न्यायालय में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया था। इस पर न्यायाधीश जी.एस. सोलंकी की एकलपीठ ने शुक्रवार को जोशी को शल्य क्रिया के लिए 50 हजार रुपये के मुचलके पर तीन माह की अंतरिम जमानत मंजूर की।
टीनू जोशी को तो इलाज के लिए अंतरिम जमानत मिल गई है, मगर उनके पति अरविंद जोशी अब भी फरार चल रहे हैं। अरविंद भी बर्खास्त आईएएस अफसर हैं।