भोपाल, 15 मार्च – मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की रविवार को यहां बल्लभ भवन में हुई बैठक में कोरोनावायरस का मुद्दा छाया रहा। कई मंत्रियों ने तो जयपुर से आए विधायकों और बेंगलुरू व गुरुग्राम से वापस लौटने वाले विधायकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने की मांग की है। राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी. सी. शर्मा ने बैठक की जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया, “कोरोनावायरस की स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना को महामारी घोषित किया है। राज्य सरकार की ओर से इस बीमारी को लेकर खास इंतजाम किए गए हैं। स्कूलों, कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वीमिंग पूल, सिनेमाघर बंद हैं। बैठक में कई मंत्रियों ने कहा कि जयपुर से आए विधायकों और बेंगलुरू व गुरुग्राम से आने वाले विधायकों का भी स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।”
उन्होंने आगे कहा, “ओडिशा, राजस्थान, केरल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र की विधानसभाएं कोरोना की रोकथाम के मद्देनजर स्थगित की गई हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने 200 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर किया है। राज्य के राज्यपाल लालजी टंडन ने बरकत उल्लाह विश्वविद्यालय के कार्यक्रम को निरस्त किया है।”
कोरोना के चलते मध्य प्रदेश विधानसभा की बैठक की तिथि आगे बढ़ाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “विधानसभा का बजट सत्र 16 मार्च से राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा। उसके बाद कोई बात सामने आएगी, तो फैसला लिया जाएगा।”
बैठक में कांग्रेस नेता रामू टेकाम और राशिद सुहेल सिद्दिकी को राज्य लोकसेवा आयोग का सदस्य बनाने का फैसला किया है। वहीं कर्मचारियों को जुलाई 2019 से पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया गया है। इसका अप्रैल 2020 से नगद भुगतान होगा।