बैतूल, 12 जनवरी (आईएएनएस)| देश में खुले में शौच की आदत बदलने में कानून व जनजागृति अभियान भले ही अपेक्षानुकूल सफल न हुए हों, मगर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की एक पंचायत की ‘अनोखी कमेंट्री’ ने इस बुराई पर पाबंदी लगाने में सफलता पाई है। अब इस गांव का लगभग हर व्यक्ति खुले में शौच जाने की बजाय घर के शौचालय का उपयोग करने लगा है।
बैतूल जिले के चौथिया गांव में लगभग 238 मकान हैं और हर घर में शौचालय है, इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग खुले में शौच जाने की अपनी आदत छोड़ नहीं पाए थे। इस पर गांव के जागरूक लोगों ने खुले में शौच न जाने का परामर्श दिया और बताया कि यह बीमारी की जड़ है, मगर किसी ने नहीं सुनी। इतना ही नहीं, कई ने तो इस मुहिम पर विरोध तक दर्ज कराया।
ग्राम प्रस्फुटन समिति के कचरु बांरंगे ने इस बुराई पर रोक लगाने के लिए युवाओं व महिलाओं के साथ मिलकर निगरानी समिति बनाई। इस समिति ने पंचायत में एक नियंत्रण कक्ष बनाया। गांव के युवा सुबह से ही खुले स्थान पर जाने वालों पर नजर रखते हैं। इस दौरान कोई दिखता है, तो उसकी सूचना मोबाइल के जरिए नियंत्रण कक्ष को देते हैं। उसके बाद पंचायत पर लगे लाउड स्पीकर पर लाइव कमेंट्री शुरू कर दी जाती है।
बांरंगे बताते है कि खुले में शौच जाने वाले की कमेंट्री कुछ इस तरह की जाती है कि जो भी व्यक्ति ऐसा करता है, उसकी खबर पूरे गांव को हो जाती है। साथ ही संबंधित व्यक्ति को भी कमेंट्री सुनाई देती है। इतना ही नहीं, खुले में शौच जाने वाले लोगों की तस्वीरें व्हाट्सएप पर डालने की भी चेतावनी दी गई। इसका नतीजा यह हुआ कि लोग खुले में शौच जाने से कतराने लगे।
निगरानी समिति की सदस्य राधा बाई बताती हैं कि महिलाएं छुपकर ऐसे लोगों पर नजर रखती हैं, जो खुले में शौच के लिए जाते हैं। ऐसा देखते ही वे नियंत्रण कक्ष को मिस्डकॉल कर देती हैं। उसके बाद वहां से कमेंट्री शुरू हो जाती है।
सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र भार्गव ने आईएएनएस को बताया कि ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच जाने की आदत पर रोक लगाना कठिन काम है। इसके लिए जरूरी है कि कठोर फैसले लिए जाएं, इसी के तहत चौथिया गांव में लाइव कमेंट्री जैसा फैसला लिया गया। इसके नतीजे बेहतर आए हैं।
भार्गव का कहना है कि कोई भी नहीं चाहता कि उसकी इस तरह से बदनामी हो, लिहाजा वह इस अनोखी कमेंट्री में अपना नाम नहीं सुनता चाहता। इसी का नतीजा है कि गांव में खुले में शौच की आदत पर काफी हद तक रोक लग गई है, गिनती के कुछ लोग ही हैं, जो अब भी खुले में शौच जाते है।
चौथिया गांव के जागरूक लोगों की अनोखी पहल ने वषरें से चली आ रही इस बुराई पर लगाम लगाने में सफलता हासिल की है, जो विकास के इस दौर में सभी को शर्मिंदा करने वाली है।