नई दिल्ली, 29 सितम्बर- 2जी घोटाले से संबंधित धन की हेराफेरी मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, डीएमके सांसद कनिमोझी और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने पर फैसला देने के लिए एक अदालत ने यहां सोमवार को 20 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने कहा कि वह 20 अक्टूबर को फैसला देंगे।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले के आरोप पत्र में कनिमोझी, राजा, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, कुसेगांव फ्रुट्स एंड वेजीटेबल प्राइवेट लिमिटेड (केएफवीपीएल) के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, बॉलीवुड निर्माता करीम मोरानी, डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल, कलैगनार टीवी के निदेशक शरद कुमार और पी. अमीरथन के नाम शामिल किए हैं।
मामले में शामिल कंपनियों के नाम हैं- स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड (एसटीपीएल), कुसेगांव रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, सिनेयुग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड, डायनामिक्स रियल्टी, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कॉनवुड कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, डीबी रियल्टी और निहार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड।
आरोपियों को प्रीवेंसन ऑफ मनी लाउंडरिंग एक्ट (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत नाजमद किया गया है।
आरोप पत्र में कहा गया है, “200 करोड़ रुपये का भुगतान एसटीपीएल के प्रमोटरों ने किया। यह राशि डायनामिक्स रियल्टी, केटीवी, केएफवीपीएल और सीएफपीएल (सिनेयुग फिल्म्स) के जरिए कर्ज या शेयर एप्लीकेशन राशि के रूप में दी गई ताकि यह लगे कि यह वैध वित्तीय लेन-देन है।”
आरोप पत्र के मुताबिक यह भुगतान राजा और उनके सहयोगियों के लिए एक रिश्वत थी और इसे लाइसेंस आवंटन में एसटीपीएल के लिए अवैध तरफदारी करने के लिए दिया गया था।