भोपाल: बड़वानी जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय गारंटी योजना (मनरेगा) में बड़े पैमाने पर हुईं गड़बड़ियों के मामले में आठ उपयंत्रियों व चार सहायक यंत्रियों के खिलाफ आरोप पत्र जारी किए गए हैं। इनसे 5 करोड़ 81 लाख रुपए की वसूली भी की जाएगी।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने बड़वानी के तत्कालीन कलेक्टरों और जिला व जनपद पंचायत के सीईओ पर जिम्मेदारी तय करते हुए उनके खिलाफ जांच करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने बड़वानी की निवाली जनपद पंचायत के अंतर्गत हुए कामों की जांच रिपोर्ट हाल ही में मंत्री को भेजी थी, जिसमें जनपद पंचायत में सीईओ रहे चार अफसरों सहित 11 इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है।
विभाग की जांच रिपोर्ट में कलेक्टर और सीईओ पर सीधे कोई आरोप तय नहीं किए गए थे, लेकिन जब यह रिपोर्ट मंत्री भार्गव के पास पहुंची तो उन्होंने 2010 से अब तक बड़वानी में पदस्थ रहे कलेक्टर और सीईओ की जिम्मेदारी भी तय करने के निर्देश दिए।
मंत्रालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अकेले निवाली जनपद पंचायत में ही मनरेगा के तहत पिछले तीन सालों में 400 से अधिक काम कराए गए। राज्य सरकार के निर्देश पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) के मुख्य अभियंता एचपी शिवहरे और अधीक्षण यंत्री पीके निगम ने जांच रिपोर्ट राज्य शासन को सौंप दी है। इसमें स्पष्ट तौर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी (कलेक्टर) और अतिरिक्त जिला कार्यक्रम अधिकारी (जिला पंचायत सीईओ) के अलावा निवाली के सीईओ के खिलाफ भी कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है।
शासन ने लगाई रोक, कलेक्टर ने दे दिया प्रभार
बड़वानी के तत्कालीन कलेक्टर ने आरईएस के उपयंत्री मनोज वर्मा को मनरेगा के कामों के लिए सहायक यंत्री का प्रभार सौंप दिया था, जबकि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि उपयंत्रियों को सहायक यंत्री का प्रभार न सौंपा जाए। बावजूद इसके कलेक्टर ने सहायक यंत्रियों की कमी का हवाला देते हुए उपयंत्रियों को सहायक यंत्री का प्रभार दे दिया। जांच रिपोर्ट में कलेक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है
ये हैं दोषी:
आरएस तंवर, प्रबंधक आदिवासी वित्त विकास निगम धार, एमएस कुशवाहा, सीईओ जनपद पंचायत खरगोन, बीके हिरवे, बीईओ जनपद पंचायत पानसेमल बड़वानी, प्रदीप कुमार छलौत्रे, सीईओ जनपद पंचायत निवाली
उपयंत्री : दिलीप भालसे, देवराम पावरा, काना जमरे, फूलसिंह नरगावे, लोकेश कोठार, मनोज वर्मा, महेंद्र कुमार मंडलोई और राकेश आर्से।
सहायक यंत्री : एके शर्मा, मनोज वर्मा, राम कनकरे और आरसी जोशी।
(सभी अफसर और इंजीनियर वर्ष 2007 से 2012 तक निवाली जनपद में पदस्थ रहे।)
क्या है रिपोर्ट में:
सरपंचों व सचिवों ने तैयार किए फर्जी दस्तावेज
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरपंचों व सचिवों ने निर्माण कार्यो का फर्जी मूल्यांकन करवाकर पंचायतों के लेखा रिकॉर्ड में हेराफेरी कर गंभीर वित्तीय अनियमितताएं की हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पंचायत के रिकॉर्ड की प्रशासनिक अधिकारियों की टीम से जांच करवाकर सरपंचों व सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
ये भी हैं सिफारिशें
- आरोपी उपयंत्रियों व सहायक यंत्रियों के खिलाफ थानों में एफआईआर दर्ज कराई जाए।
- दुरुपयोग की गई राशि की वसूली की जाए। ञ्चसंविदा पर काम कर रहे पांच उपयंत्रियों को सेवा से पृथक किया जाए।
- मनरेगा में काम कर रहे आरईएस के तीन उपयंत्रियों को निलंबित किया जाए।