भोपाल-गांव-गांव तक अपनी पैठ बनाने के लिए सरकार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव से पहले किसानों की सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराने की तैयारी में जुट गई है। ये चुनाव मई में कराए जा सकते हैं। इसके लिए छह माह से रिक्त राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी पद पर सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी एमबी ओझा की नियुक्ति की जा चुकी है।
अब संस्थाओं की सदस्यता सूची को अंतिम रूप देकर चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ कराई जाएगी। प्रदेश में सहकारी संस्थाओं के चुनाव दस साल से नहीं हुए हैं। नए काम शुरू नहीं कर पा रहीं समितियां नियमानुसार समितियों के चुनाव पांच साल में होते हैं। इसकी प्रक्रिया छह माह पूर्व प्रारंभ हो जाती है। लेकिन 2012 के बाद से अब तक चुनाव नहीं हो पाए हैं। इसके कारण समितियां नए काम प्रारंभ नहीं कर पा रही हैं। सामान्य कामकाज के संचालन के लिए सहकारिता विभाग के अधिकारियों को प्रशासक बनाया गया है।