मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 26 जून को सभी ज़िलों को आदेश जारी कर दूसरी लहर में हुई मौतों की जानकारी को सार्थक पोर्टल पर अपलोड करने को कहा था. देश के विभिन्न राज्यों पर कोविड-19 मौतों की संख्या कम बताने के आरोप लगते रहे हैं.
मध्य प्रदेश में एक दिन में कोरोना मौतों की संख्या में 1,478 मामलों की वृद्धि हुई है. ये दूसरी लहर के पुराने आंकड़े (बैकलॉग) हैं, जिन्हें अब जाकर अपडेट किया गया है. इसके चलते अब राज्य में कुल कोरोना मौतों की संख्या बीते रविवार को बताए गए 9,027 मौतों से बढ़कर 10,506 मौतें हो गई हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 26 जून को सभी जिलों को आदेश जारी कर दूसरी लहर में हुई मौतों की जानकारी को सार्थक पोर्टल पर अपलोड करने को कहा था. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर छवि भारद्वाज द्वारा एक आदेश जारी करने के बाद ये कार्यवाही शुरू हुई थी.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान कुल मौतें, कुल पॉजिटिव मामले, ठीक हुए लोगों इत्यादि की जानकारी 3ए फॉर्म में दर्ज कर सार्थक पोर्टल पर अपलोड करना था. हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार प्राइवेट अस्पतालों में हुई मौतों का आंकड़ा इसमें शामिल नहीं था. इसलिए 26 जून को जारी आदेश के बाद मध्य प्रदेश में 1,478 अतिरिक्त कोरोना मौतों के मामले सामने आए हैं.ये आंकड़ा सामने आने के बाद से कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल हमलावर हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि जो सरकार दिन भर झूठ बोलती है, मौतों के आंकड़े छिपाती है, हवा-हवाई घोषणाएं करती है, उसने फैक्ट चेक के लिए वेबसाइट लॉन्च की है. शिवराज जी फैक्ट तो जनता को मालूम है, आप अपनी सरकार का भविष्य चेक करिए.
मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में हुई समीक्षा बैठक में बैकलॉग मौतों की संख्या के मुद्दे पर भी चर्चा की गई.
मालूम हो कि मध्य प्रदेश सरकार पर कोविड-19 मौतों की संख्या कम बताने के आरोप लगते रहे हैं.
दैनिक भास्कर ने जन्म-मृत्यु का हिसाब रखने वाले सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के आंकड़ों के हवाले से बताया था कि मध्य प्रदेश में इस साल मई में मौतों का आंकड़ा पिछले सालों के मुकाबले 4 गुना ज्यादा है. इस साल जनवरी से मई के बीच पिछले साल की तुलना में 1.9 लाख ज्यादा मौतें हुई हैं. राज्य में मई 2019 में 31 हजार और 2020 में 34 हजार जानें गईं थीं.