मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश में कोविड की संख्या में विगत दिनों में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए निम्न अतिरिक्त दिशा निर्देश जारी किये, जानिए क्या कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के दिशा-निर्देश
1. आमजन को कोरोना वायरस के संकट के प्रति संवेदनशील बनाने के कम में आगामी एक सप्ताह प्रतिदिन सुबह 11.00 बजे तथा सायं 7.00 बजे शहरी क्षेत्रों के सभी सायरन ( चाहे भवनों पर स्थापित हों या पुलिस वाहन पर हों ) को 02 मिनट के लिए बजाए जाएँगे । ये आमजन को स्मरण कराने के लिए है कि मास्क, सोशल डिस्टेसिंग, हेण्डवाश/सेनेटाईजिंग कोविड महामारी से लडने के लिए आवश्यक है । सायरन बजने का समय मोबाईल के नेटवर्क टाईम से Synchronize किया जावे ताकि सभी एक साथ बजें ।
दिनांक 23 मार्च को 11.00 बजे सायरन बजने के बाद जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संगठनों आदि के सहयोग से शहरों में पूर्व से चलाए जा रहे रोको-टोको अभियान अन्तर्गत गतिविधियों को संचालित करेगें ।
2. ऐसे जिले जहाँ पर कोविड के साप्ताहिक पॉजिटिव केसेस का प्रतिदिन औसत 20 से ज्यादा हैं, उन जिलों में : • सभी त्यौहारों के कार्यक्रमों में भाग लेने वाले लोगों की संख्या को सीमित रखा जावे ।
• सामाजिक कार्यक्रमों यथा विवाह, अंतिम संस्कार आदि में भाग लेने वालों की संख्या सीमित करने की कार्यवाही की जावे ।
• सभी सामाजिक तथा धार्मिक त्यौहारों में जुलूस/गैर/ मेले आदि आयोजित नहीं किये जावेंगे।
• जिला कलेक्टर, जहां उपयुक्त समझे, जनसुनवाई के कार्यक्रम दिनांक 30 अप्रैल 2021 तक स्थगित कर सकते हैं।
3. जिन जिलों में कोविड के प्रतिदिन औसत पॉजीटिव केसेज 20 से कम है, उन जिलों की काईसिस मैनेजमेंट कमेटी उपरोक्त कण्डिका-2 में उल्लेखित प्रतिबंध का अपने स्तर से लगाने पर निर्णय ले सकेंगे ।
4. करीला माता मेला (अशोकनगर) कोविड संक्रमण फैलने की दृष्टि से इस वर्ष आयोजित नहीं किया जावेगा ।
5. महाराष्ट्र राज्य के सीमा पर वस्तुओं तथा सेवाओं के परिवहन को छोड़कर यात्रियों के आवागमन का नियमन आवश्यक रूप से किया जावे । महाराष्ट्र राज्य आने व जाने वाली बसों का परिवहन बंद करने के आदेशों का प्रभावी पालन कराया जावे।
6. औद्योगिक विकास निगम द्वारा “जीवन शक्ति” योजना अन्तर्गत तैयार किये गये फेस मास्क का वितरण उन नागरिकों को निशुल्क किया जावे जिन पर मास्क न लगाने के कारण जुर्माना लगाया गया है।
7. कोविड-19 महामारी रोकथाम हेतु रोको-टोको कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारियों, धार्मिक गुरूओं, मीडिया, NCC, NSS, स्वयं सेवी संगठनों, स्व- सहायता समूहों को जोड़ा जावे ।