इंदौर-मप्र क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) की अंडर-23 टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला क्रिकेटर को डोपिंग का दोषी पाया गया है। ग्वालियर से ताल्लुक रखने वाली उक्त खिलाड़ी तेज गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी भी करती हैं। फिलहाल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) और एमपीसीए द्वारा इस मामले में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उक्त खिलाड़ी मप्र की अंडर-23 टीम की सदस्य है।
बीसीसीआइ लंबे समय से राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अधीन आने से इनकार करता रहा, लेकिन पिछले साल बीसीसीआइ को नाडा के अधीन आना पड़ा। इसके बाद यह पहली घटना है कि देश का कोई क्रिकेटर डोपिंग में दोषी पाया गया है। बीसीसीआइ इससे पहले दूसरी एजेंसी से टेस्ट कराता था, लेकिन तब भी कोई महिला क्रिकेटर डोपिंग की दोषी नहीं पाई गई थी। सूत्रों के अनुसार जिस खिलाड़ी का डोप टेस्ट पॉजिटिव आया है उसका नाम अंशुला राव है।
अंशुला के नजदीकी लोगों के अनुसार फिलहाल उसे आधिकारिक रूप से न तो नाडा से कोई सूचना मिली है और ना ही बीसीसीआइ की ओर से। एहतियातन एमपीसीए द्वारा उसे फिलहाल मीडिया से बात न करने को कहा गया है।
एमपीसीए के सूत्रों के अनुसार खिलाड़ी का टेस्ट 14 मार्च को बड़ौदा में किया गया था। उसका सेंपल कतर की दोहा स्थित प्रयोगशाला भेजा गया। खिलाड़ी को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया है। नाडा की अनुशासन समिति सजा पर फैसला लेगी।