भोपाल : विकेन्द्रीकृत नियोजन की अवधारणा को मूर्तरूप देते हुए मध्यप्रदेश में हर गाँव का मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। ग्राम सभाओं द्वारा अनुमोदित गतिविधियों को मास्टर प्लान में शामिल किया गया है, जिनका जिला-स्तर पर विभागों द्वारा क्रियान्वयन किया जाना है। इस कार्य को तत्परता से करने के लिये शासन ने सभी विभागों को निर्देश जारी किये हैं।
गाँव के लोगों से प्राप्त माँगों के आधार पर विभागों के जिला कार्यालयों में गतिविधियों को 5 श्रेणी में विभाजित किया गया है। पहली श्रेणी में उन गतिविधियों को लिया गया है, जिन पर अभी निर्णय लिया जाना है। दूसरी श्रेणी में अनुमोदित, तीसरी श्रेणी में भविष्य में शुरू की जाने वाली, चौथी श्रेणी में अनुपादेय (not feasible) तथा पाँचवीं श्रेणी में स्वीकृत हो चुकी गतिविधियों को रखा गया है। सभी विभाग से यह अपेक्षा की गई है कि वे विलेज मास्टर प्लान का क्रियान्वयन करने के लिये अपने जिला कार्यालयों को निर्देश दें।
अनुमोदित गतिविधियाँ वे हैं जो विभाग द्वारा जिला-स्तर पर स्वीकृत हैं। ऐसी गतिविधियों का क्रियान्वयन जिला-स्तर पर चालू वित्तीय वर्ष में ही पूर्ण करवाने के निर्देश दिये गये हैं। पूर्व से स्वीकृत गतिविधियों के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा और स्टेटस अपडेट करने के निर्देश जारी किये गये हैं। जिन गतिविधियों पर अभी तक जिला-स्तर के कार्यालयों द्वारा कोई रिस्पांस नहीं दिया गया है, उसके कारणों की समीक्षा करने को कहा गया है। अनुपादेय गतिविधियों के कारणों की समीक्षा करने और राज्य-स्तर से उसके क्रियान्वयन की संभावनाओं पर विचार करने को कहा गया है। जिन गतिविधियों को जिला-स्तर पर आगामी वर्षों में स्वीकृत करने का कार्य किया जायेगा, उन्हें इस श्रेणी में रखे जाने के कारणों की समीक्षा करने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि इनका बारहवीं पंचवर्षीय योजना की अवधि में क्रियान्वयन किया जा सके।विलेज मास्टर प्लान में ‘अन्य’ श्रेणी भी रखी गई है, जिसमें संचालित योजनाओं तथा कार्यक्रमों के अतिरिक्त गाँव के लोगों की माँग पर की जाने वाली गतिविधियों को शामिल किया गया है। राज्य-स्तर पर इनके क्रियान्वयन की संभावनाओं पर विचार करने को कहा गया है। विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अधीनस्थ जिलों को विलेज मास्टर प्लान की सभी गतिविधियों का तत्परता से क्रियान्वयन करने के लिये कहे। साथ ही स्वीकृत गतिविधियों के क्रियान्वयन के संबंध में विभाग द्वारा विकसित साफ्टवेयर में जानकारी हर माह अपडेट की जाये।