इंफाल, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। मणिपुर के इंफाल पश्चिमी और थोबाल जिलों के कुछ भागों में हिंसक झड़पों और हमलों के बाद कई सामाजिक संगठन वहां सांप्रदायिक सौहाद्र्र बहाल करने में जुट गए हैं।
इराम सिफाई में सात अप्रैल को एक दुपहिया वाहन चुराने के आरोप में दो युवकों की हत्या और तीसरे को गंभीर चोट पहुंचाने के बाद वहां दो पक्षों में विवाद उत्पन्न हो गया था।
इस घटना के विरोध में सड़क जाम और आन्दोलन कर रहे कार्यकर्ताओं ने कहा, “वे लोग छात्र थे जो बागीचा देखने गए थे। यदि उन लोगों ने दुपहिया वाहन भी चुराए थे तो उन्हें पुलिस को सौंपा जाना चाहिए था। इस तरह बर्बरतापूर्वक उन पर हमला नहीं करना चाहिए था।”
हत्या के विरोध में अन्दोलन के दौरान करीब पचास लोग घायल हुए, जिनमें अधिकांश को गोलियां लगी थीं। नौ घरों और दुकानों में आग लगा दी गई। हालांकि सड़क जाम हटा दिया गया, लेकिन निजी लाभ के लिए असामाजिक तत्वों के लिए कोई रोक टोक नहीं था।
बहरहाल, मुसलमान बुजुर्गो की संस्था अंजुमन ने असामाजिक तत्वों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने को कहा है। उधर निषिद्ध छह भूमिगत संगठनों की समन्वय समिति (कोरकॉम) ने भी हिंसक झड़पों की निंदा की है।
कोरकॉम ने कहा, “शांति और सौहार्द्र के माहौल में रह रहे दोनों समुदायों के बीच झड़पें फूट डालो राज करो की योजना के तहत हुई हैं।”
समिति ने लोगों को सर्तक रहने की भी चेतावनी दी और कड़े शब्दों में झड़पों और अन्य घटनाओं की निंदा की।
इस बीच तीन युवकों ने अंजुमन के सामने समर्पण कर दिया। इन तीनों ने सड़क जाम स्थगित होने के बाद मंगलवार को दो महिला समेत तीन चावल व्यापारियों को थोबाल जिले के उसांगखोंग से सेनापति जिले के मोतबंग जाते समय पकड़ लिया और उन्हें लेकर चले गए।
सड़क जाम के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए तीनों युवकों ने इन व्यापरियों की लोहे की छड़ से पिटाई की और चाकू से गला काटने की धमकी दी। पिटाई से एक महिला व्यापारी का हाथ टूट गया। उन लोगों ने तीनों व्यापारियों के हाथ बांध दिए और धान के खेत में छोड़ दिया।
तीनों की पहचान मोहम्मद मूशा, मोहम्मद तोम्बा और मोहम्मद सद्दाम के रूप में हुई। ये लोग व्यापारियों से नगद, सोने के आभूषण और मोबाइल हैंड सेट छीनकर फरार हुए थे।
बाद में तीनों युवकों ने अंजुमन के समक्ष समर्पण
कर दिया। अंजुमन एक प्रभावशाली संगठन है, जिसे मुस्लिम समुदाय का समर्थन प्राप्त है।
अंजुमन संस्था ने सभी लोगों से असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कसने की अपील की। संस्था को डर है कि नूंग्री में जागरूक महिलाओं पर हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न होगा। इस गोलीबारी में 14 लोग घायल हुए थे।
इस बीच युवकों की हत्या के मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जबकि मुसलमानों की संयुक्त कार्रवाई समिति की मांग है कि ज्ञापन में नामित छह लोगों पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
अगर मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह आन्दोलनकारियों को इस मामले में दिए कार्रवाई के आश्वासन से मुकरते हैं तो गुरुवार से सड़क जाम और आन्दोलन फिर शुरू होगा।
प्रभावित इलाके में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू अब भी लगा हुआ है। सशस्त्र पुलिस जिनमें महिला पुलिसकर्मी भी हैं, संकटग्रस्त क्षेत्रों में लगातार गश्त लगा रही है।