नई दिल्ली: बिष्णुपुर ज़िले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाके में गुरुवार को हुई झड़प के बाद सेना और आरएएफ जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 19 लोग घायल हो गए. वहीं, ज़िले के नारानसैना में भीड़ ने भारतीय रिज़र्व बटालियन शिविर पर हमला करने के बाद बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद लूट लिया.
नई दिल्ली: मणिपुर में बिष्णुपुर जिले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाके में बृहस्पतिवार को हुई झड़प के बाद सेना और आरएएफ (त्वरित कार्य बल) जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 19 लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम के जिला प्रशासनों द्वारा पहले घोषित कर्फ्यू में ढील वापस ले ली है, एहतियात के तौर पर पूरे इंफाल घाटी में रात के कर्फ्यू के अलावा दिन के दौरान प्रतिबंध लगा दिया है.
झड़प से कुछ घंटे पहले मणिपुर की जातीय हिंसा में मारे गए कुकी-जोमी समुदाय के लोगों को सामूहिक रूप से दफ़नाने की योजना तब रोक दी गई जब राज्य के उच्च न्यायालय ने गुरुवार सुबह चूड़ाचांदपुर जिले में प्रस्तावित कब्रिस्तान पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.
शीर्ष जनजातीय संस्था आईटीएलएफ ने भी कहा कि वह बिष्णुपुर की सीमा पर चूड़ाचांदपुर जिले के हाओलाई खोपी गांव में उक्त स्थान पर 35 लोगों को दफनाने की योजना स्थगित कर रहा है.
बिष्णुपुर जिले में सुबह से ही तनाव व्याप्त था क्योंकि हजारों स्थानीय लोग सुरक्षा बलों की आवाजाही को रोकने के लिए सड़कों पर उतर आए थे. महिलाओं के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने सेना और आरएएफ कर्मियों द्वारा लगाए गए बैरिकेड को पार करने की कोशिश की और मांग की कि उन्हें दफन स्थल तक जाने की अनुमति दी जाए.