भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को तेज करते हुए बिहार सरकार न एक भ्रष्ट कर्मी को बर्खास्त कर दिया है.
खबर है कि अगले कुछ दिनों में और भ्रष्ट लोकसेवकों पर गाज गिर सकती है.
गुरूवार को बर्खास्त किये गये ये लोकसेवक अनूप कुमार चौधरी को पिछले दिनों रिश्वत लेते पकड़ा गया था. वह सचिवालय के कोषागार में कार्यरत हैं.
ध्यान रहे के इससे पहले के कुछ महीनों में निगरानी और आर्थिक अपराध इकाई ने कई अधिकारियों और कर्मचारियों के यहां छापा मार कर करोड़ों की सम्पत्ति भी बरामद की थी. कई मामलों में अभी जांच चल रही है.
मालूम हो कि मुख्यमंत्री सचिवालय में भ्रष्टाचार से संबंधित एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान विभागों प्रधान, जिलाधिकारियों एवं आरक्षी अधीक्षकों को नीतीश ने भ्रष्ट पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई करने और उन्हें दो महीने के भीतर बर्खास्त् किए जाने का निर्देश दिया था. इसके तहत सरकार के पास 576 भ्रष्ट लोक सेवकों की सूची है जिन्हें बर्खासत किया जाना है.
पिछले हफ्ते मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने पत्रकारों का संबोधित करते हुए बताया था कि दो महीने के अंदर तीन सौ से अधिक भ्रष्ट पदाधिकारी एवं कर्मी भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्ता होंगे, तब जनता में एक संदेश जाएगा। इससे भ्रष्ट लोगों के मन में डर पैदा होगा. उन्होंने कहा कि 576 भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर बर्खास्त गी की तलवार लटक रही है.
सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अगर ट्रैप मामले में पकडे गये भ्रष्ट पदाधिकारी अदालत से बरी हो जाते है तो फिर से विभागीय प्रधान निलंबित करें तथा मिस कंडक्ट के मामले को तार्किक परिणति तक पहुंचाते हुये ऐसे लोकसेवकों को बख्रास्त करें.