भोपाल, 23 अगस्त (आईएएनएस)। जाने-अनजाने भोपाल वासी इस खबर को सुन झूम उठे.मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 10 दिन पहले अपहृत सात वर्षीय निशांत झोपे को पुलिस ने रविवार को पड़ोस के रायसेन जिले के जंगल से बरामद कर लिया। निशांत के घर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया और आतिशबाजी हुई और मिठाइयां बांटी गईं।
राजधानी भोपाल के साकेत नगर निवासी दीपक झोपे के बेटे निशांत का स्कूल जाते समय 14 अगस्त को अपहरण हो गया था। उसके बाद से ही पुलिस और समाज के लोग निशांत की तलाश में थे। जगह-जगह निशांत के पोस्टर लगाए गए थे, सरकार ने निशांत का पता देने वाले के लिए 50 हजार रुपये इनाम की घोषणा की थी।
रायसेन जिले के पुलिस अधीक्षक दीपक वर्मा ने रविवार को संवाददाताओं को बताया, “भोपाल से अपहृत निशांत को गैरतगंज थाने के जंगल से बरामद किया गया है। वह कम कपड़े पहने हुए था। एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी कि निशांत को दो लोग मोटर साइकिल से जंगल में छोड़कर गए हैं। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने जंगल से निशांत को बरामद किया। बच्चा 10 दिनों से कहां था और वह किसके साथ रहा, इसका खुलासा बच्चे से पूछताछ के बाद ही हो सकेगा।”
निशांत के मिलने की सूचना सबसे पहले पुलिस ने उसके परिजनों को दी। निशांत के पिता दीपक, मां और अन्य लोग रायसेन पहुंचे। बेटे को देखते ही उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। मां को देखते ही निशांत दौड़ पड़ा और उसके गले से लिपट गया। इतना ही नहीं तरह-तरह के सवाल भी करने लगा। उसने मां से मिलते ही स्कूल, पढ़ाई, भाई और दोस्तों की चर्चा कर डाली।
रायसेन में चिकित्सकीय परीक्षण किए जाने और कुछ जानकारियां हासिल करने के बाद पुलिस ने निशांत को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। रायसेन से भोपाल घर पहुंचने पर निशांत का जोर दार स्वागत किया गया, महिलाओं ने आरती उतारी तो किसी ने माला पहनाई। बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने उसके स्वागत में रांगोली बनाई, आतिशबाजी की और मिठाई भी बांटी।
निशांत के पिता दीपक ने मीडिया से इस बात की पुष्टि की है कि उनके पास फिरौती के लिए फोन आए थे, अपहर्ताओं ने निशांत से बात भी कराई थी। मगर उन्होंने इससे आगे कुछ भी बताने इंकार कर दिया।
प्रदेश के गृहमंत्री बाबू लाल गौर ने निशांत के घर पर पहुंचकर उसे बधाई दी। उन्होंने कहा है कि पुलिस, समाज और मीडिया की सक्रियता से निशांत वापस लौट आया है।