भोपाल, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 31 वर्ष पूर्व हुए गैस हादसे की बरसी की पूर्व संध्या पर बुधवार को पीड़ितों ने मशाल जुलूस निकाला और संयंत्र के सामने बनी भोपाल माता की मूर्ति के समक्ष मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही अपराधी कंपनियों को सजा और पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजे लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
गैस पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्षरत संगठनों ने कहा कि भारत सरकार ने तीन दिसंबर 2010 को यूनियन कार्बाइड और उसके मालिक डाओ केमिकल से 1.2 अरब डॉलर का अतिरिक्त मुआवजा लेने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में सुधार याचिका दायर की थी। इस मामले में पिछले पांच सालों में मात्र एक बार सुनवाई हुई है मगर भारत सरकार द्वारा त्वरित सुनवाई के लिए आज तक एक भी आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है।
संगठनों का आरोप है कि भारत सरकार ने सुधार याचिका में यूनियन कार्बाइड द्वारा पहुंचाए गए नुकसान को कम करके बताया है और अतिरिक्त मुआवजे के तौर पर बहुत छोटी राशि की मांग की है ।
भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की रशीदा बी ने कहा, “1985 में भारत सरकार ने मुआवजा बतौर 3.3 अरब डॉलर की मांग की थी जो आज के दर से सात अरब डॉलर होता है। यूनियन कार्बाइड ने आज तक मुआवजे में सिर्फ 47 करोड़ डॉलर दिया है। सरकार को सुधार याचिका के तहत कम से कम 6.5 अरब डॉलर मांगने चाहिए और जो मांगा जा रहा है वो उसके पांचवे हिस्से से भी कम है।”
भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एंड एक्शन के सतीनाथ षडंगी के मुताबिक भारत सरकार के साथ दो अमेरिकी कंपनियों यूनियन कार्बाइड और वर्तमान मालिक डाओ केमिकल कंपनी की सांठगांठ की वजह से ही गैस पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल पा रहा है।
भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने कहा, “केंद्र और प्रदेश की सरकारें हादसे की वजह से हुई मौतों और बीमारियों के झूठे आंकड़े पेश कर रही हैं और इस आधार पर अतिरिक्त मुआवजे में बहुत कम धनराशि की मांग कर रही हैं। सरकार कहती है कि हादसे में सिर्फ 5295 लोग मारे गए, जबकि सरकारी शोध संस्था के रिकार्ड बताते हैं कि गैस काण्ड के बाद के नौ सालों में 10,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।”
भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के नवाब खां तथा डाओ कार्बाइड के खिलाफ बच्चे नाम के संगठन की साफरीन खां ने केंद्र व राज्य सरकारों की नीतियों की आलोचना की।
इन पांच संगठनों ने मिलकर बुधवार की रात को मशाल जुलूस निकाला जो विभिन्न मार्गो से होता हुआ, यूनियन कार्बाइड संयंत्र के सामने पहुंचा जहां पीड़ितों ने आगे लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।