अनिल सिंह -भोपाल — कल की शाम देश और भोपाल के लोगों के लिए यादगार साबित होगी,सतीश चतुर्वेदी(साहित्यकार) जो सन १९५६ से भोपाल में निवासरत हैं ने भोपाल का कर्ज अदा करने के लिए तथ्यपरक खोज की और भोपाल के इतिहास की सच्चाई सामने इस पुस्तक के माध्यम से ला कर एक अपने नाम को भी भारत के इतिहास के पन्नों में जोड़ लिया है.
अभी तक के चापलूस सत्तानशीनों ने भोपाल का गलत इतिहास पेश किया,इतिहास बताता है की भोपाल को ३०० वर्ष पहले दोस्त मोहम्मद खान ने बसाया था लेकिन भोपाल का इतिहास तो ३०० वर्षों से भी पुराना है.इसे परमार राजाओं के वंशज उदयादित्य जी ने बसाया था.माँ नर्मदा के किनारे यज्ञ कर उन्होंने इसकी आधारशिला राखी थी जिसका आज भी प्रमाण है.
दोस्त मोहम्मद खान तो अफगानिस्तान से आया एक भगोड़ा था जिसे रानी ने अपनी फ़ौज में नौकरी दी थी और इसने धोखेबाजी कर सत्ता हासिल की इसी को तदंतर चाटुकारों और उसके बाद अंग्रेजों ने आगे बढ़ाया.
कल इस पुस्तक का लोकार्पण राज्य के मंत्री उमाशंकर गुप्ता,कैलाश सारंग वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव और विधायक विश्वास सारंग की उपस्थिति में किया गया.इस लोकार्पण समारोह में भोपाल के विख्यात साहित्यकार,बुद्धिजीवी और पत्रकार मौजूद थे.
इस पुस्तक को समाज के सामने लाने का बीड़ा बुकपैराडाइज के मालिक श्री दिनेश जैन जी ने उठाया और आज यह एक प्रमाणिक पुस्तक आप को प्रस्तुत की है.