धार। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने धार जिले के विवादास्पद स्मारक भोजशाला में 12 फरवरी को बसंत पंचमी के मौके पर अलग-अलग अंतराल में पूजा और नमाज संपन्न कराने का आदेश दिया है। लेकिन एक पक्ष इस आदेश के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बसंत पंचमी पर पूरे दिन पूजा करने की मांग पर अड़ गया है।
हिंदू संगठन भोज उत्सव समिति के संरक्षक का कहना है कि हमारी मांग है कि हमें बसंत पंचमी पर भोजशाला में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक लगातार पूजा की अनुमति दी जाए। धार में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है। इसके मद्देनजर वह बसंत पंचमी पर एएसआई का आदेश मानने के लिये बाध्य नहीं है।
उन्होंने दावा किया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की जिम्मेदारी भोजशाला परिसर के संरक्षण भर की है। उसे धार्मिक परंपराओं के पालन को लेकर फरमान जारी करने का कोई हक नहीं है। अगर राज्य सरकार इस मसले का स्थायी हल चाहती है, तो उसे इच्छाशक्ति दिखाते हुए बसंत पंचमी की पूजा को लेकर समय रहते उचित फैसला करना होगा।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के आदेश अनुसार हिन्दू समुदाय के लोग 12 फरवरी को बसंत पंचमी पर पूजा के लिए 2 अंतरालों में, सूर्योदय से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 3ः30 बजे से सूर्यास्त तक भोजशाला में प्रवेश कर सकेंगे। जबकि बसंत पंचमी पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को दोपहर एक से 3 बजे तक स्मारक में नमाज के लिए दाखिल होने की अनुमति होगी।
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