पटेल 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य की घाटलोडिया सीट से पहली बार चुनाव जीते थे. उन्होंने कांग्रेस के शशिकांत पटेल को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था, जो उस चुनाव में जीत का सबसे बड़ा अंतर था.

सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले पटेल पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के करीबी माने जाते हैं. आनंदीबेन 2012 में इसी सीट से चुनाव जीती थीं.

पार्टी विधायक दल के नए नेता के तौर पर पटेल के नाम की घोषणा के साथ ही रूपाणी के उत्तराधिकारी को लेकर संशय समाप्त हो गया. सूत्रों ने बताया कि पटेल अब राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.

गांधीनगर में भाजपा मुख्यालय में भाजपा विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, प्रल्हाद जोशी, पार्टी महासचिव तरुण चुग और पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर के साथ-साथ उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल भी शामिल थे.

तोमर ने रविवार सुबह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल से मुलाकात की थी.

इससे पहले केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप तथा दादरा एवं नागर हवेली और दमन और दीव के प्रशासक प्रफुल्ल के. पटेल तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल माना जा रहा था.

एक राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार, राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री के लिए जिन नामों की अटकलें चल रही थी, उनमें कहीं भी एक बार के विधायक भूपेंद्र पटेल का नाम नहीं था. वह प्रभावशाली पटेल समुदाय से आते हैं, वहीं मंडाविया भी पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.

रूपाणी (65) ने राज्य में विधानसभा चुनाव होने से लगभग सवा साल पहले शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल दिसंबर में होने हैं.

कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में पद छोड़ने वाले रूपाणी चौथे मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने दिसंबर 2017 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

रूपाणी पहली बार सात अगस्त, 2016 को मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद यह पद संभाला था. उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद दूसरी बार राज्य की बागडोर संभाली थी.