भोपाल। प्राइवेट सेक्टर से जल्दबाजी में किए बिजली खरीदी के अनुबंध के साइड इफेक्ट अब सामने आ रहे हैं। प्रदेश में बिजली की मांग जहां रोज नए रिकॉर्ड बना रही है, वहीं सक्षम होने पर भी सरकारी बिजली कारखानों की आधा दर्जन इकाइयों को फोर्स आउटेड (जबरन बंद) कर दिया गया है।
सरकार की मजबूरी है कि इन इकाइयों से उत्पादन जारी रखा तो प्रदेश में बिजली की मांग आसानी से पूरी हो जाएगी। ये दशा सरकार प्राइवेट सेक्टर से बिजली खरीदी के अनुबंधों की शर्त को पूरा नहीं करती। इसी मजबूरी के चलते प्रदेश में बिजली की मांग 6100 मेगावॉट प्रतिदिन होने पर भी सरकारी इकाइयों से केवल 2922 मेगावॉट बिजली ली जा रही है।
शेष 3178 मेगावॉट बिजली सरकार अदानी, लेनको और एनटीपीसी के पावर प्लांट से खरीद रही है। इसके लिए प्रति यूनिट 2.47 रुपए का भुगतान हो रहा है, जबकि प्रदेश के बिजली कारखानों में उत्पादन लागत 50 फीसदी कम है।
कौन सी यूनिट कब से बंद
सतपुड़ा पावर प्लांट में लगी 210 मेगावॉट की 7 नंबर यूनिट 14 अप्रैल से बंद है। प्लांट की ही 210 मेवॉ की 8 नंबर यूनिट 6 अप्रैल से बंद है। 250 मेगावॉट की 11 नंबर यूनिट 12 अप्रैल से, 1 नंबर की 62.5 मेवॉ वाली यूनिट 6 जनवरी से बंद चल रही है। संजय गांधी ताप विद्युत गृह में भी यूनिट फोर्स आउटेड हैं यहां 210 मेवॉ की 3 नंबर यूनिट को 26 फरवरी से बंद रखा गया है। खंडवा में बन रहे सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट की 600 मेवॉ की एक नंबर यूनिट को भी 14 अप्रैल से बंद कर दिया गया है।
प्राइवेट सेक्टर से 33 एग्रीमेंट
प्रदेश सरकार ने सत्ता की पिछली दो पारियों में ही प्राइवेट सेक्टर से बिजली खरीदने मे स्र्चि दिखाई है। ऊर्जा विभाग में पदस्थ आला आईएएस अफसरों की देखरेख में बिजली पैदा करने वाले बड़े उद्योग घरानों से 33 एग्रीमेंट साइन किए गए हैं। एग्रीमेंट में शपथ पूर्वक स्वीकार किया गया है कि शासन निजी उत्पादन का तय भाग प्रदेश की बिजली आपूर्ति को पूरा करने के लिए खरीदेगा।
कहां बन रही कितनी बिजली
अमरकंटक स्टेशन – 358 मेवॉ
संजय गांधी प्लांट – 828 मेवॉ
सतपुड़ा पावर प्लांट – 838 मेवॉ
हाईडल पावर प्रोडक्शन- 898 मेवॉ
कुल बिजली उत्पादन- 2922 मेगावॉट
सभी इकाई फोर्स आउटेड नहीं
सभी इकाइयां फोर्स आउटेड नहीं है। इनमें से कुछ को मेंटनेंस के लिए बंद किया गया है। मांग को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र से आपूर्ति ली जा रही है।