नई दिल्ली/अमृतसर/जयपुर: भीषण गर्मी और कोयले की किल्लत के चलते देश के कई राज्यों में बिजली संकट गहरा गया है. बिजली संयंत्रों में कम उत्पादन के बीच राज्य भारी मांग को पूरा करने के लिए जूझ रहे हैं. पंजाब में बिजली संकट के विरोध में शुक्रवार को किसानों ने प्रदर्शन भी किया है.
जम्मू कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को दो घंटे से आठ घंटे तक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. बिजली कटौती से कारखाने सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
देश में मार्च में रिकॉर्ड गर्मी के बाद अप्रैल में भी अत्यधिक गर्मी जारी है. ऐसे में बिजली की मांग अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.
देश में बिजली की कुल कमी 62.3 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है. यह आंकड़ा मार्च में कुल बिजली की कमी से अधिक है.
इस संकट के केंद्र में कोयले की कमी है. देश में कोयले से 70 प्रतिशत बिजली का उत्पादन होता है. सरकार दावा कर रही है कि मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला उपलब्ध है, लेकिन बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार नौ वर्षों में सबसे कम हैं.
इसके अलावा यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कीमतों में बढ़ोतरी के साथ कोयले के आयात में गिरावट आई है.
देश में 27 अप्रैल को बिजली की अधिकतम मांग 200.65 गीगावॉट रही, जबकि व्यस्त समय में बिजली की कमी 10.29 गीगावॉट थी.