नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। श्रीलंका में मैत्रीपाला सिरिसेना के राष्ट्रपति बनने के ठीक नौ दिन बाद रविवार को भारत और श्रीलंका ने आपसी संबंधों में मजबूती लाने का वादा किया और दिल्ली ने कोलंबो के साथ बेहद करीब से और व्यापक पैमाने पर साथ-साथ काम करने पर सहमति जताई।
सिरिसेना के नौ जनवरी को श्रीलंका का राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद पहली बार विदेश दौरे पर शनिवार की रात भारत पहुंचे श्रीलंका के विदेश मंत्री मंगला समरवीरा से रविवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मुलाकात की और भारत का पक्ष रखा।
स्वराज ने इसके अलावा श्रीलंका में भारत की साझेदारी में चल रही विकास परियोजनाओं एवं श्रीलंका की समुद्री सीमा में कथित तौर पर अनधिकारिक तौर पर घुस जाने वाले भारतीय मछुआरों के मामले पर भी चर्चा की।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी वक्तव्य के अनुसार, “दोनों मंत्रियों के बीच बातचीत काफी आत्मीय, सकारात्मक और परिणाम देने वाली रही।”
अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए नई दिल्ली को चुनने पर समरवीरा ने कहा, “यह श्रीलंका की सरकार की प्राथमिकता और हम दो देशों के बीच के प्रगाढ़ संबंध को दर्शाता है।”
दोनों देशों ने भारत में रह रहे तमिल शरणार्थियों के मामले पर विचार के लिए फिर से बैठक करने पर सहमति जताई है। इसी महीने में इस मामले पर चर्चा करने के लिए अधिकारी बैठक करेंगे।
श्रीलंका के विदेश मंत्री ने कोलंबो में अधिकारियों द्वारा जब्त कर लिए गए भारतीय मछुआरों की 87 नौकाओं को लौटाने के लिए हो रहे प्रयासों की ओर भी संकेत किया।
वक्तव्य में आगे कहा गया है कि दोनों ही देशों का मानना है कि सभी मामलों के लिए दीर्घकालिक समाधान पर काम करने की जरूरत है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।