न्यूयार्क, 21 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह भारत को जमीन का टुकड़ा के रूप में नहीं, बल्कि विचारों के समूह के रूप में देखते हैं और जिनके पास भी भारत के निर्माण का विचार है, वह भारतीय है।
भारतीय राष्ट्रीय परदेसी कांग्रेस (आईएनओसी) की ओर से आयोजित समारोह में उन्होंने कहा, “जब कोई विचार सही होता है, भारत इसे तत्काल ग्रहण करता है और दिखाता है कि इसका उपयोग कैसे होना चाहिए।”
राहुल ने कहा, “कुछ लोग भारत को भौगोलिक आधार पर देखते हैं। वे लोग भारत को जमीन के टुकड़े के रूप में देखते हैं। मैं भारत को जमीन के टुकड़े के रूप में नहीं देखता, बल्कि इसे विचारों के समूह के रूप में देखता हूं। इसलिए मेरे लिए जिसके पास भी भारत के निर्माण का विचार है, वह भारतीय है।”
उन्होंने कहा कि भारत में विचारों के आने में समय लगता है। लेकिन अगर विचार अच्छा होता है तो भारत इसे तेजी से समझता है और इसका उपयोग करता है, दुनिया को दिखाता है कि कैसे इसे प्रयोग किया जा सकता है।
दो सप्ताह के दौरे पर अमेरिका आए राहुल ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के काम को देखकर वह गर्व महसूस करते हैं।
उन्होंने कहा कि वास्तविक कांग्रेस आंदोलन एक एनआरआई का आंदोलन था।
राहुल ने कहा, “महात्मा गांधी भी एनआरआई थे, पंडित जवाहर लाल नेहरू भी इंग्लैंड से लौटे थे, डॉ. अंबेडकर, मौलाना आजाद, सरदार पटेल सभी एनआरआई थे। इनमें से सभी भारत से बाहर गए, बाहर की दुनिया देखी और उसके बाद भारत आए और इनमें से कुछ ने अपने विचारों से लोगों को प्रभावित कर आंदोलन को नया आयाम दिया।”
उन्होंने कहा कि एनआरआई लोगों ने कई क्षेत्रों में काम किया है और उनके पास जबरदस्त अनुभव और समझ है।
उन्होंने वर्गीज कुरियन का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके सहयोग से भारत में श्वेत क्रांति हुई, जबकि सैम पित्रोदा ने अकेले दम पर दूरसंचार उद्योग में क्रांति ला दी।
उन्होंने कहा, “हम केवल एक सैम पित्रोदा नहीं, बल्कि 10-15 सैम पित्रोदा चाहते हैं, क्योंकि बहुत से काम भारत में किए जाने बाकी हैं।”
राहुल ने कृषि को ‘एक रणनीतिक संपत्ति’ बताते हुए कहा कि देश को कोल्ड चेन विकसित करने की जरूरत है, क्योंकि 40 प्रतिशत सब्जी सड़ जाती है।
उन्होंने कहा कि भारत में हृदय और आंख से संबंधित शल्य चिकित्सा बड़ी संख्या में होती है और भारत विश्व का स्वास्थ्य सेवा केंद्र बन सकता है।
राहुल ने कहा, “अमेरिकी विश्वविद्यालय में नॉलेज नेटवर्क है, जहां उनमें सूचनाओं का प्रसार होता है जो व्यापार और अर्थव्यवस्था से जुड़े हुए हैं। हमारे भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान जबरदस्त संस्थान है और अगर हम अपने आईआईटी को उद्योग और व्यापार से जोड़ देंगे तो वहां के छात्र दुनिया के अच्छे व्यापार से प्रतिस्पर्धा शुरू कर सकते हैं।”