वाशिंगटन, 8 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय मूल के अमेरिकी फिल्म निर्माता और कॉमिक बुक ‘प्रियाज शक्ति’ के रचयिता राम देविनेनी दिल्ली के 16/12 मामले में दोषी ठहराए गए मुकेश सिंह के बयान पर जरा भी आश्चर्यचकित नहीं हैं। वह मानते हैं कि भारत में कई लोगों की सोच दुष्कर्मी जैसी है।
वाशिंगटन, 8 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय मूल के अमेरिकी फिल्म निर्माता और कॉमिक बुक ‘प्रियाज शक्ति’ के रचयिता राम देविनेनी दिल्ली के 16/12 मामले में दोषी ठहराए गए मुकेश सिंह के बयान पर जरा भी आश्चर्यचकित नहीं हैं। वह मानते हैं कि भारत में कई लोगों की सोच दुष्कर्मी जैसी है।
‘प्रियाज शक्ति’ भारत में सामूहिक दुष्कर्म की एक पीड़िता की कहानी को दर्शाती है।
राम देविनेनी ने आईएएनएस से कहा, “पिछले साल सितंबर में अपनी कॉमिक के लिए शोध के मद्देनजर वह दिल्ली में कई लोगों से मिले, जिन्होंने ठीक उसी प्रकार के विचार साझा किए जैसे दुष्कर्म के दोषी मुकेश सिह ने बीबीसी के वृत्तचित्र में जाहिर किए थे।”
भारत ने ब्रिटिश फिल्म निर्माता लेस्ली उडविन द्वारा बनाए गए उस वृत्तचित्र पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसमें राजधानी में 16 दिसंबर 2012 की रात हुए सामूहिक दुष्कर्म कांड को दिखाया गया है। यह वृत्तचित्र मुकेश सिंह के बयान के कारण विवादों में है।
देविनेनी ने एनबीसी न्यूज को बताया, “प्रिया, निर्भया से प्रभावित है। मैं इस कॉमिक बुक को उसी की वजह से लिख रहा हूं। मैं वीडियो इसलिए बनाता हूं ताकि कॉमिक बुक और प्रिया को वास्तविक चेहरे और आवाज दे सकूं।”
उन्होंने कहा, “कॉमिक बुकों को लेकर यह मानसिकता है कि वे पाठक को सच्चाई से दूर करने के लिए होती हैं। लेकिन कॉमिक बुक में वीडियो जोड़कर मैं यह दिखाने में सफल रहा कि हर पात्र के पीछे एक वास्तवकि चेहरा और कहानी होती है।”
एनबीसी न्यूज ने हिंदुस्तान टाइम्स के 2012 के एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली में 100 में से 92 लोग 18 से 25 साल की उम्र के हैं। इसमें से कुछ या उनके सभी दोस्तों ने सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं पर फबतियां कसीं। जबकि सर्वे में भाग लेने वाली 78 फीसदी से अधिक महिलाएं ऐसी थीं, जो यौन उत्पीड़न का शिकार थीं।
एनबीसी ने कहा कि प्रियाज शक्ति की टीम ने दिल्ली की सड़कों पर लोगों के साक्षात्कार का वीडियो जारी किया। इसमें नौजवानों और सामूहिक दुष्कर्म पीड़िताओं से भी बातचीत की गई है।
पहले वीडियो में प्रिया शक्ति की टीम ने दक्षिणी दिल्ली के एक बाजार में 21-25 साल के कामकाजी पुरुषों से बातचीत की।
एक पुरुष ने कहा कि उसे लगता है कि दुष्कर्म में 50 फीसदी गलती पुरुषों की होती है और 50 फीसदी महिलाओं की। कुछ ने कहा कि उत्तेजक कपड़े दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाओं को बुलावा देते हैं।
देविनानी ने कहा, “मुझे ऐसा तो नहीं लगा कि वे हिंसक होंगे या उन्होंने कभी दुर्वव्यवहार किया होगा। लेकिन वे सभी पितृसत्तात्मक विचार रखते हैं। उन्हें लगता है कि महिलाओं को रूढ़िवादी होना चाहिए और वे यह भी मानते हैं कि ‘बुरी लड़कियों’ का ही दुष्कर्म होता है।”
दूसरे वीडियो में प्रिया शक्ति की टीम ने 19 साल की ज्योति से बात की, जिसका हरियाणा के बाहरी इलाके में स्थित एक गांव में स्थानीय नवयुवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था।
गंभीर खतरों का सामना करने की धमकियों के बावजूद ज्योति ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की और सभी को सजा दिलवाई।