कुआलालंपुर, 6 जून (आईएएनएस)। प्राकृतिक सौंदर्य एवं सुघड़ स्थापत्य कला वाला देश मलेशिया भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए आदर्श गंतव्य साबित हो सकता है। यह कहना है मलेशियाई फिल्म एजेंसी नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन मलेशिया (एफआईएनएएस) का। एजेंसी का यह भी कहना है कि इससे दोनों देशों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा
कुआलालंपुर, 6 जून (आईएएनएस)। प्राकृतिक सौंदर्य एवं सुघड़ स्थापत्य कला वाला देश मलेशिया भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए आदर्श गंतव्य साबित हो सकता है। यह कहना है मलेशियाई फिल्म एजेंसी नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन मलेशिया (एफआईएनएएस) का। एजेंसी का यह भी कहना है कि इससे दोनों देशों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा
एफआईएनएएस (फिनास) के वरिष्ठ निदेशक आमिर मुतालिब ने कहा कि भारत और मलेशिया की सांस्कृतिक समानताएं और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखते हुए यह साझेदारी फायदेमंद हो सकती है।
कुआलालंपुर में शुक्रवार को शुरू हुए तीन दिवसीय भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म अकादमी (आईफा) पुरस्कार समारोह में फिक्की-आईफा ग्लोबल बिजनेस फोरम में मुतालिब ने भारतीय फिल्म निर्माताओं को मलेशिया को फिल्म निर्माण-शूटिंग का गंतव्य बनाने पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुतालिब ने कहा कि मलेशिया में 50 के करीब बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है, जिनमें ‘यादें’ और ‘डॉन’ जैसी फिल्में प्रमुख हैं और वह चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा भारतीय फिल्म निर्माता मलेशिया में शूटिंग के लिए आएं।
यह पूछे जाने पर कि भारतीय फिल्मकारों को शूटिंग के लिए मलेशिया क्यों आना चाहिए, मुतालिब ने आईएएनएस से कहा, “हमारा देश बहुत खूबसूरत है और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। हमारे यहां ब्रिटिश काल के दौरान निर्मित भवन हैं।”
संचार एवं मल्टीमीडिया मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था फिनास के अधिकारी ने कहा, “हम अच्छे पड़ोसी हैं। चूंकि हमारी संस्कृति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि काफी मिलती-जुलती है, इसलिए मेरा मानना है कि भारत और जापान जैसे देशों को पश्चिम का रुख करने के बजाए हमारे साथ काम करना चाहिए। हमारी साझेदारी आथिर्क विकास के नजरिए से काफी फायदेमंद साबित होगी।”
मुतालिब ने कहा, “यहां शूटिंग के लिए अनुमति लेना मुश्किल काम नहीं है। इसके लिए फिल्म की कहानी की एक प्रति सरकारी संस्था पुष्पल को सौंपनी होती है। वह इस पर गौर करते हैं और अनुमति देते हैं। इस काम में हमारी एजेंसी भी निर्माताओं की मदद करती है।”