अगरतला, 31 जनवरी (आईएएनएस)। भारत और बांग्लादेश के जिला दंडाधिकारी और सीमा रक्षक यहां मंगलवार को बैठक करेंगे। बैठक में सीमा पर हो रहे अपराधों पर लगाम लगाने और पूर्वोत्तर राज्यों व बांग्लादेश के बीच व्यापार बढ़ाने के मुद्दों पर चर्चा होगी। शनिवार को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सीमा अपराधों से निपटने के लिए विचार-विमर्श करने और अंतिम रणनीति बनाने के लिए दोनों देशों के जिला प्रशासनों के बीच बेहतर समन्वय और सीमा पर बाड़ लगाने के लिए त्रिपुरा के छह जिलों के जिला दंडाधिकारी और अन्य अधिकारी मंगलवार और बुधवार को बांग्लादेश के चार जिलों के उपायुक्तों के साथ बैठक करेंगे।
पश्चिम त्रिपुरा जिले के जिला दंडाधिकारी और कलक्टर अभिषेक सिंह के मुताबिक, “इस दो दिवसीय बैठक में सीमा पर हो रहे अपराधों और सीमापार की समस्याओं के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों और बांग्लादेश के बीच व्यापार से जुड़ी समस्याओं पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।”
उन्होंने कहा इस तरह की जिला दंडाधिकारी स्तरीय बैठकों से भारत और बांग्लादेश दोनों को रुकी पड़ी समस्याओं और छोटे मुद्दों को तेजी से सुधारने में मदद मिलेगी।
इस बैठक में पश्चिम त्रिपुरा, उनोकोती, उत्तर त्रिपुरा, खोवई, धलाई और सिपाहीजला के जिला दंडाधिकारी और बांग्लादेश के ब्राह्मणबरिया, मौलवी बाजार, रंगमती और हबीगंज के उपायुक्त भाग लेंगे।
भारत और बांग्लादेश की सरकारों ने विभिन्न मुद्दों को सुलझाने के लिए जिला दंडाधिकारी स्तरीय बैठकों को आयोजित करने का फैसला किया है।
त्रिपुरा के चार जिलों-सिपाहीजला, गोमती, दक्षिण त्रिपुरा और धलाई के जिला दंडाधिकारी और अन्य अधिकारी बांग्लादेश के पांच जिलों कोमिला, फेनी, रंगमती, खग्राचारी और चटगांव के उपायुक्तों से नौ और 10 जनवरी को अगरतला में मिले थे।
मिजोरम के दो जिलों -मामित और लंगलेई- के जिला दंडाधिकारी और अन्य अधिकारी 22 जनवरी को मामित में बांग्लादेश के रंगमती और बंदरबन (चटगांव क्षेत्र के तहत) जिलों के उपायुक्तों से मिले थे।
इन बैठकों में सीमा पर हो रहे अपराधों, ज्यादा सीमा चौकियों की स्थापना, सामान्य नदियों के जल बंटवारे, अधिक सीमा हाटों (बाजारों) की स्थापना करने और सीमा बाड़ लगाने तथा बेहतर समन्वय के लिए दोनों तरफ के जिला प्रशासनों के बीच विचार-विमर्श किया गया।
सीमा विवाद सुलझाने के लिए इसी तरह की बैठकें जल्द ही असम और मेघालय जैसे अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भी आयोजित की जाएंगी।