इस्लामाबाद, 2 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय सेना पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरा बना हुआ है और पाकिस्तानी सुरक्षा महकमे को भारतीय रक्षा खर्च पर बराबर नजर रखना चाहिए।
इस्लामाबाद, 2 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय सेना पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरा बना हुआ है और पाकिस्तानी सुरक्षा महकमे को भारतीय रक्षा खर्च पर बराबर नजर रखना चाहिए।
यह बात पाकिस्तान के एक प्रमुख दैनिक अखबार के संपादकीय में कही गई है।
दैनिक डॉन के संपादकीय में सोमवार को कहा गया है, “पाकिस्तानी सुरक्षा महकमे को भारतीय रक्षा खर्च पर बराबर नजर रखने का अधिकार है, क्योंकि भारत अपनी सैन्य क्षमताओं के लिहाज से पाकिस्तानी सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरा बना हुआ है।”
संपादकीय में कहा गया है कि भारतीय रक्षा बजट 40 अरब डॉलर को पार करने वाला है, हालांकि चीनी रक्षा बजट इससे लगभग चार गुना अधिक है।
संपादकीय में कहा गया है, “भारत को हिंद महासागर में नियंत्रण के लिए भी प्रतिस्पर्धा करनी है।”
संपादकीय में कहा गया है कि भारतीय सेना का आधुनिकीकरण कार्यक्रम वर्षो तक कम निवेश के बाद सामने आ रहा है। अखबार ने लिखा है, “भारत के संदर्भ में एक बात समझ लेना चाहिए जो कोरी आंकड़ेबाजी से अलग है : पाकिस्तान भारत को जितना अधिक पारंपरिक संघर्ष में घसीटेगा, उतना ही अधिक दबाव पाकिस्तान पर पैदा होगा, संभवत: युद्ध के खतरे टालने के लिए परमाणु नियंत्रण पर।”
भारत में कुछ लोग पाकिस्तान के साथ खतरे को प्रबंधित करने के लिए चीन के साथ प्रतिस्पर्धा के प्रश्न को अलग करना चाहेंगे। भारतीय सेना की संपूर्ण क्षमता दोनों दिशाओं में एक संदेश भेजेगा।
अखबार ने भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर के इस्लामाबाद दौरे से एक दिन पूर्व लिखा है, “स्थिरता सिर्फ पाकिस्तान के साथ बातचीत करने से ही आएगी।”
संपादकीय में लिखा है कि भारत का रक्षा बजट चीन के बजट और हिद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते महत्व का मुकाबला नहीं कर सकता।
अखबार ने लिखा है, “नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने तय किया है कि भारतीय सुरक्षा महकमे की मांगें पूरा करने की दिशा में उम्मीद से काफी धीमी गति से आगे बढ़ा जाए।”