वाशिंगटन, 11 जुलाई (आईएएनएस)। भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य में बातचीत शुरू होने की घोषणा का स्वागत करते हुए अमेरिका ने कहा है कि वह दोनों देशों के बीच उठाए जाने वाले उन सभी कदमों का समर्थन करता है, जिनसे संवाद और सहयोग को बढ़ावा मिले।
वाशिंगटन, 11 जुलाई (आईएएनएस)। भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य में बातचीत शुरू होने की घोषणा का स्वागत करते हुए अमेरिका ने कहा है कि वह दोनों देशों के बीच उठाए जाने वाले उन सभी कदमों का समर्थन करता है, जिनसे संवाद और सहयोग को बढ़ावा मिले।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर ने संवाददाताओं से शुक्रवार को कहा कि अमेरिका उफा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक के अलग भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच हुई मुलाकात तथा भावी आदान-प्रदान को लेकर की गई घोषणा का स्वागत करता है।
उन्होंने कहा, “हम उस घोषणा का भी स्वागत करते हैं, जिसमें कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान सुरक्षा, नागरिकों के बीच आपसी संपर्क और मुंबई हमले की जांच में तेजी लाने जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर आगे चर्चा करेंगे।”
टोनर ने कहा, “हम संवाद तथा सहयोग को बढ़ाने के लिए भारत तथा पाकिस्तान सरकार की तरफ से उठाए जाने वाले हर कदम का समर्थन करते हैं।”
जब उनसे पूछा गया कि अमेरिका एससीओ द्वारा भारत तथा पाकिस्तान को पूर्ण सदस्यता देने को किस रूप में लेता है, तो उन्होंने कहा, “मैं चाहूंगा कि आप भारत तथा पाकिस्तान से इस संबंध में प्रतिक्रिया लें, आखिर वे किस वजह से इस समूह से जुड़े।”
एक अन्य सवाल के जवाब में टोनर ने कहा कि विदेश मंत्रालय जनरल जोसेफ डनफोर्ड के मूल्यांकन से सहमत नहीं है, जिसमें उनका कहना है कि रूस अमेरिका के लिए बड़ा वैश्विक खतरा बनता जा रहा है। डनफोर्ड को राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ का अगला प्रमुख नामित किया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि विदेश मंत्री इस मूल्यांकन से सहमत नहीं है कि रूस या फिर चीन अमेरिका के लिए खतरा बन रहे हैं।”
प्रवक्ता ने कहा, “ये बड़ी शक्तियां हैं, जिनके साथ हमारे संबंध हैं और हम कई मुद्दों पर असहमति के बावजूद सहयोग कर रहे हैं। ये मुद्दे निसंदेह ईरान और सीरिया जैसे अन्य देशों से जुड़े हुए हैं।”