नई दिल्ली – भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी रूप से विकसित लंबी दूरी के ग्लाइड बम गौरव का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. 1,000 किलोग्राम के इस बम को भारतीय वायु सेना द्वारा 8 से 10 अप्रैल के बीच तीन दिनों में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से लॉन्च किया गया. हथियार को विभिन्न वॉरहेड कॉन्फिगरेशन के साथ कई स्टेशनों पर एकीकृत किया गया था.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, वायुसेना और उद्योग जगत को इस सफल ट्रायल के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि ”गौरव” लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम का विकास सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और अधिक मजबूत बनाएगा. इस प्रणाली के विकास में ‘डेवलपमेंट-कम-प्रोडक्शन’ पार्टनर्स अदाणी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज, भारत फोर्ज और विभिन्न एमएसएमई का सहयोग रहा.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, परीक्षणों के दौरान इस बम ने लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तक अत्यंत सटीकता के साथ लक्ष्य को निशाना बनाया है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 1,000 किलोग्राम वर्ग का यह ग्लाइड बम पूरी तरह स्वदेशी है. इसे रिसर्च सेंटर इमरत, आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट और इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है.