संयुक्त राष्ट्र, 7 जून (आईएएनएस)। बौद्ध उत्सव वेसक के यहां आयोजन के दौरान भारत की एक्ट ईस्ट नीति के आध्यात्मिक आयाम की चर्चा हुई, जो एक ऐसी साझा विरासत पर आधारित है, जो भारत और चीन सहित एशिया के कई देशों को एक साथ जोड़ती है।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक कुमार मुखर्जी ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय दिवस वेसक के अवसर पर आयोजित समारोह में कहा, “भारत एशिया में विभिन्न देशों के बीच हमारी साझा बौद्ध विरासत से बने संबंधों का उपयोग अपनी विदेशी नीति में करना चाहता है और जिसमें पूरी दुनिया को एक परिवार या वसुधव कुटुंबकम के रूप में देखा जाता है।”
भारतीय मिशन ने इस अवसर पर एक स्लाइड प्रस्तुति दी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रीलंका, जापान, मंगोलिया और चीन जैसे देशों में बौद्ध मठों की यात्रा को दिखाया गया। उसके बाद मुखर्जी ने कहा, “जैसा कि आप देख सकते हैं हम वाकई अपनी साझा बौद्ध विरासत से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।”
उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की मूल शिक्षा अहिंसा भारतीय राजनीतिक दर्शन का अभिन्न हिस्सा है।
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने कहा, “बुद्ध का यह कथन कि हम सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, हमें एक मानव परिवार के रूप से एकता के सूत्र में बंधने और साझा मूल्यों के आधार पर अपने संघर्षो को सुलझाने की याद दिलाता है।”
वेसक भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की याद में कुछ एशियाई देशों में एक जून को मनाया जाता है। भारत में यह बुद्ध पुर्णिमा के अवसर पर मनाया जाता है, और चार मई को इस अवसर पर अवकाश था।
संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने अगले साल से वेसक के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र की कोई भी बैठक नहीं करने का फैसला किया है। हालांकि इस अवसर पर मुख्यालय बंद नहीं रहेगा।
इस उपलब्धि के लिए भारत और अन्य बौद्ध मतावलंबी वाले देशों ने एकजुटता के साथ कोशिश की थी।
इसी फैसले के तहत दीपावली, गुरपरब और यहूदियों के पर्व योम किपुर के अवसर पर भी कोई भी बैठक नहीं करने का फैसला किया गया है।
अभी सिर्फ ईसाई और इस्लाम के दो धार्मिक दिवस के मौके पर मुख्यालय बंद रहता है।