भारत ने हमलावर हैलिकॉप्टर ख़रीदने के लिए जो निविदा जारी की थी, उसमें रूसी हैलिकॉप्टरों एम०इ०-28 एन० की
भारत ने हमलावर हैलिकॉप्टर ख़रीदने के लिए जो निविदा जारी की थी, उसमें रूसी हैलिकॉप्टरों एम०इ०-28 एन० की जगह अमरीकी बोइंग ए०एच०-64 डी० हैलिकॉप्टर बाज़ी मार गए। विश्लेषक इन दोनों ही क़िस्मों के हैलिकॉप्टरों को अपने वर्ग में सर्वोत्तम बताते हैं।
वैसे तो इन दोनों हैलिकॉप्टरों में कोई ख़ास फ़र्क नहीं है, लेकिन जो फ़र्क है, वो इन हैलिकॉप्टरों पर लगे हथियारों और उनके इस्तेमाल करने के ढंग में है। ऐसा लगता है कि भारतीय सैन्य अधिकारियों ने दोनों हैलिकॉप्टरों की ख़ूबियों को जानने के बाद आख़िरकार यही तय किया कि हल्के हैलिकॉप्टर ख़रीदे जाएँ जो दुश्मन की बख़्तरबंद तकनीक के ख़िलाफ़ जंग कर सकें।
लेकिन इराक ने, भारतीय अधिकारियों से अलग, एम०इ०-28 एन० नामक रूसी हमलावर हैलिकॉप्टरों को प्राथमिकता दी। हाल ही में रूस और इराक के सरकारी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि आने वाले सालों में इराक को ऐसे तीस हैलिकॉप्टरों और चालीस से अधिक नभ सुरक्षा रॉकेट तोपों ‘पान्त्सीर-एस०1 की आपूर्ति की जाएगी। इराक ने रूस के साथ कुल चार अरब अमरीकी डॉलर मूल्य के हथियारों का एक बड़ा समझौता किया है।
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