वॉशिंगटन, 13 जनवरी (आईएएनएस) । फ्रांस में आतंकवादी हमलों के बाद आयोजित एकता मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के हिस्सा न ले पाने के बाद वाशिंगटन ने स्वीकार किया है कि मार्च के लिए अमेरिका को एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए था। लेकिन अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया है कि सुरक्षा कारणों से राष्ट्रपति बराक ओबामा पेरिस नहीं जा सके।
वॉशिंगटन, 13 जनवरी (आईएएनएस) । फ्रांस में आतंकवादी हमलों के बाद आयोजित एकता मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के हिस्सा न ले पाने के बाद वाशिंगटन ने स्वीकार किया है कि मार्च के लिए अमेरिका को एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए था। लेकिन अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया है कि सुरक्षा कारणों से राष्ट्रपति बराक ओबामा पेरिस नहीं जा सके।
व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि विदेश मंत्री जॉन केरी भी पूर्व नियोजित भारत दौरे की वजह से इस आतंकवाद विरोधी रैली में शामिल नहीं हो सके। अमेरिकी हितों के मद्देनजर केरी भारत दौरे पर हैं। पेरिस में आतंकवाद के विरोध में निकाले गए इस मार्च में 40 से अधिक विश्वस्तरीय नेताओं ने भाग लिया।
पेरिस में ओबामा, उपरराष्ट्रपति जो बिडेन या अमेरिकी अधिकारियों के उच्च दस्ते की गैरमौजूदगी को लेकर हो रहीं आलोचनाओं पर अपना तर्क रखते हुए प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने कहा, “मुझे लगता है कि यह कहना ठीक होगा कि हमें वहां किसी बड़ी हस्ती को भेजना चाहिए था।”
अर्नेस्ट ने कहा कि पेरिस में यह रैली शुक्रवार शाम को थी और इसलिए ओबामा के लिए आवश्यक सुरक्षा दस्ते को वहां भेजने के लिए पर्याप्त समय नहीं था।
यह पूछे जाने पर कि केरी पेरिस क्यों नहीं जा सके। प्रवक्ता ने कहा, “इस बारे में मैं आपको सिर्फ इतना बता सकता हूं कि विदेश मंत्री के पास कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं।”
वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में केरी की मौजूदगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात को स्पष्ट करते हुए अर्नेस्ट ने कहा, “कुछ महत्वपूर्ण कार्यो को अमलीजामा पहनाने के लिए अमेरिकी हितों के लिए जॉन केरी पिछले सप्ताह भारतीय दौरे पर थे।”
उन्होंने बताया कि केरी भारत और पाकिस्तान की अपनी यात्रा के बाद पेरिस जाएंगे। अर्नेस्ट ने कहा, “उन्होंने पाकिस्तान के पेशावर स्कूल का भी दौरा किया, जहां कुछ सप्ताह पहले भयानक आतंकवदी हमला हुआ था।”
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया हार्फ ने कहा, “मैं व्हाइट हाउस के अपने सहयोगी की बातों से सहमत हूं” कि अमेरिका को पेरिस रैली में किसी उच्च अधिकारी को भेजना चाहिए था। लेकिन “वहां विदेश मंत्री केरी का जाना किसी भी रूप में तर्कसंगत नहीं था।”
उन्होंने कहा, “वह भारत के अपने दौरे के लिए पहले ही निकल चुके थे। इस दौरे के लिए हम पहले से बचनबद्ध थे। यकीनन भारत हमारे लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक भागीदार है।”
उन्होंने कहा, “केरी भारत के नए प्रधानमंत्री के साथ अर्थव्यवस्था से संबंधित इस महत्वपूर्ण मुलाकात को रद्द नहीं करना चाहते थे।”
गौरतलब है कि पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छापने की वजह से पिछले हफ्ते चार्ली एब्दो नामक व्यंग्य पत्रिका के दफ्तर पर हुए आंतकवादी हमले में मारे गए 17 लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए ेरविवार को पेरिस की सड़कों पर 10 लाख से अधिक लोग उमड़ पड़े थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।