इस्लामाबाद, 29 जनवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट दिए जाने का पाकिस्तान ने गुरुवार को विरोध किया और मंच को और लोकतांत्रिक बनाने के लिए सुधार पर जोर दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा सुरक्षा परिषद में स्थायी जगह पाने के भारत के प्रयास को समर्थन देने की घोषणा के बाद पाकिस्तान ने भारतीय कदम पर विरोधी सुर तेज किया है। ओबामा ने नई दिल्ली की हाल की यात्रा के दौरान यह घोषणा की थी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा कि भारत ‘संरा सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की दक्षता नहीं रखता क्योंकि इसने संरा के प्रस्तावों का उल्लंघन किया है।’
प्रवक्ता ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “जम्मू एवं कश्मीर पर संरा सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीर के लोगों के आत्म-निर्णय के अधिकार का भारत उल्लंघन कर रहा है।”
प्रवक्ता ने हालांकि कहा कि संरा में सुधारों का पाकिस्तान समर्थन करता है क्योंकि ‘सुरक्षा परिषद के समग्र सुधार के जरिए लोकतांत्रिक, प्रभावी और अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बनाए रखने के लिए विश्वसनीय तंत्र हासिल करने में यह हर किसी के हित में है।’
अमेरिका और भारत के बीच परमाणु समझौता के बारे में एक सवाल पूछे जाने पर असलम ने कहा पाकिस्तान ने इस समझौते पर गंभीर चिंता जताई है क्योंकि इससे क्षेत्र की स्थिरता पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा, “भारत द्वारा बड़े पैमाने पर हथियार हासिल करने से क्षेत्रीय रणनीतिक स्थिरता और जटिल बनने जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि 2014-15 में भारत का रक्षा खर्च 12 प्रतिशत बढ़ गया और यह 38.35 अरब डॉलर पर पहुंच चुका है।
प्रवक्ता ने कहा, “भारत पिछले तीन वर्षो से हथियारों की खरीद के लिहाज से शीर्ष पर है।”
“इस पृष्ठभूमि में भारत-अमेरिका 10 वर्षीय रक्षा समझौता केवल परंपरागत असमानता को बढ़ाएगा और इसी तरह रणनीतिक अस्थिरता को भी।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तीन-कड़े रणनीतिक नियंत्रण व्यवस्था का प्रस्ताव किया है जिसमें विवाद समाधान प्रस्ताव, परमाणु एवं प्रक्षेपास्त्र संयम और परंपरागत संतुलन शामिल है।
उन्होंने आगे कहा, “पाकिस्तान गहरे तौर पर विश्वास करता है कि आपसी विश्वास बहाली और क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य में हथियारों की कटौती सर्वश्रेष्ठ होगी।”