नई दिल्ली, 4 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भूकंप की त्रासदी झेल रहे नेपाल में मौजूदा हालात को ‘कल्पना से परे’ बताया और कहा कि भारत को दुख की इस घड़ी में नेपाल का दर्द बांटना चाहिए।
मोदी ने कहा कि यह दुखद है कि भगवान बुद्ध की भूमि पर 25 अप्रैल को आए भूकंप के बाद यह देश गंभीर मुसीबत में है।
नेपाल के इतिहास में इस सर्वाधिक विनाशकारी भूकंप में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है तथा हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं।
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर यहां तालकटोरा स्टेडियम में उन्होंने कहा, “मैं बुद्ध से प्रार्थना करता हूं कि भूकंप पीड़ितों को अधिक मुसीबत न झेलनी पड़े।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें नेपाल वासियों का दुख बांटना चाहिए और उनके आंसू पोंछने चाहिए।”
उन्होंने कहा कि हाल ही में नेपाल में आए भूकंप की वजह से लोग जागरूक हुए हैं, लेकिन यह भगवान बुद्ध के करुणा के संदेश का पालन करने और नेपाल में पीड़ितों के आंसू पोंछने का एक अवसर भी है।
मोदी ने कहा, “बुद्ध की जन्मस्थली हमारा प्रिय मित्र देश नेपाल भीषण त्रासदी झेल रहा है। नेपाल के लोगों को इस कठिन मुसीबत को सहन करना होगा। इस संघर्ष से निकलने में कितना लंबा और कठिन सफर तय करना होगा, यह अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।”
मोदी के नेतृत्व में आयोजन स्थल पर मौजूद अन्य लोगों ने भूकंप पीड़ितों के लिए विशेष प्रार्थना की।
भारत ने नेपाल में राहत एवं बचाव कार्य में सैन्य बलों सहित बड़ी संख्या में राहत बल तैनात कर रखा है।
मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध के प्यार और स्नेह भरे संदेश से विश्व को युद्ध और हिंसा की समस्याओं से छुटकारा मिलने में मदद मिलेगी।
पूरे विश्व ने इसे स्वीकार किया है कि 21वीं सदी एशिया की सदी होगी। उन्होंने कहा कि बुद्ध की शिक्षा एशिया के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन की तरह होगी। क्योंकि इसने विश्व को संघर्ष और नफरत जैसी समस्याओं से राहत दिलाने के लिए मार्ग दिखाया है।
प्रधानमंत्री ने हाल ही में जापान और श्रीलंका में अपने बौद्ध मंदिरों की यात्राओं और गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चीन के दौरे पर बौद्ध मंदिरों की यात्राओं को याद किया।
उन्होंने कहा कि इन मंदिरों में व्याप्त गहन आध्यात्मिक चेतना को विश्व में भलाई के रूप में शिक्तशाली ताकत के रूप में सहेज कर रखनी चाहिए।