नई दिल्ली- भारत की 80 फीसदी आबादी विटामिन डी की कमी से पीड़ित है, जिसके कारण उन्हें मधुमेह, हृदय रोग जैसी बीमारियों का खतरा है। विशेषज्ञों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विटामिन डी की कमी का कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं होता है। काफी समय बाद ऐसे लोगों को कई बीमारियां घेर लेती हैं, जिसमें जल्दी मृत्यु की संभावना 45 फीसदी होती है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक एम.सी.मिश्रा ने कहा, “भारत के लोग इस बात को भूल जाते हैं कि विटामिन डी की कमी से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे मधुमेह, हृदय रोग यहां तक कि कैंसर तक हो सकता है।”
देश में विटामिन डी की कमी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से दवा कंपनी ग्लेनमार्क द्वारा एम्स के सहयोग से ‘बोन डी लाइट अभियान’ की शुरुआत के मौके पर उन्होंने ये बातें कहीं।
देश के 15 शहरों में इस अभियान से स्थानीय चिकित्सकों को जोड़ा जाएगा। इस दौरान चिकित्सक विटामिन डी की कमी से पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताएंगे।
विशेषज्ञों के मुताबिक, देश के 70 फीसदी वयस्क विटामिन डी की कमी से पीड़ित हैं।