नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने मंगलवार को कहा कि सरकार यदि वित्तीय घाटा कम करने के तयशुदा रास्ते पर चलती भी रहे, तब भी देश की वित्तीय स्थिति निकट अवधि में अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं से कमजोर रहेगी।
मूडीज ने अपनी रपट में कहा, “वित्तीय घाटा कम करने की कोशिश यदि जारी भी रही, तब भी राज्यों और केंद्र सरकार के उच्च वित्तीय घाटे और कर्ज स्तर के कारण निकट भविष्य में समान रेटिंग वाले देशों की तुलना में भारत की वित्तीय स्थिति कमजोर रहेगी।”
अमेरिकी एजेंसी ने कहा, “आगामी बजट में इस संकेत को समझने की कोशिश होगी कि वित्तीय घाटा कम करने के मामले में सरकार की क्या योजना है।”
मूडीज ने कहा, “लेकिन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले भारत का करीब 63.8 फीसदी ऋण अनुपात बीएए3 रेटिंग वाले देशों के औसत 49.5 फीसदी अनुपात से काफी अधिक है।”
वर्ष 2016 में देश का ऋण जीडीपी का 63.8 फीसदी रहने का अनुमान है, जो 2005 में जीडीपी का 83.1 फीसदी था।
वर्ष 2014-15 में देश का वित्तीय घाटा जीडीपी का 4.1 फीसदी था और सरकार ने वर्तमान और अगले वित्त वर्ष में इसे क्रमश: 3.9 फीसदी और 3.5 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है।
मूडीज की रपट में कहा गया है, “बजट से पता चलेगा कि क्या सरकार पिछले कुछ साल से वित्तीय घाटे में थोड़ी-थोड़ी कमी करते जाने की परंपरा को आगे बढ़ाएगी और यदि हां तो किस प्रकार से।”