Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 भारत का पश्चिमी तट सुनामी संवेदी क्षेत्र : वैज्ञानिक | dharmpath.com

Monday , 21 April 2025

Home » भारत » भारत का पश्चिमी तट सुनामी संवेदी क्षेत्र : वैज्ञानिक

भारत का पश्चिमी तट सुनामी संवेदी क्षेत्र : वैज्ञानिक

पणजी, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत के पश्चिमी तटीय इलाके में शहरी आवास की योजना बनाते समय नगर नियोजकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि यह क्षेत्र सुनामी संवेदी है।

राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के निदेशक एस.डब्ल्यू.ए. नकवी ने यह भी कहा कि भारत के पश्चिम तटीय क्षेत्र में सुनामी कोई नई बात नहीं है। हाल में पिछली सुनामी साल 1945 में आई थी, जो गुजरात के तट से टकराई और जिसका प्रभाव मुंबई के साथ-साथ गोवा में भी महसूस किया गया था।

नकवी ने कहा, “मैं समझता हूं कि हमें सावधान रहने की जरूरत है, अगर यह सुनामी संवेदी क्षेत्र है और हमारे पास हाल के सबूत हैं, जो 70 साल पहले घटित हुआ था तो नियोजकों को इसका ख्याल रखना चाहिए।”

सामान्यत: सुनामी की घटना का संबंध देश के पूर्वी तट और सुदूर दक्षिण में केरल के समतल भाग से है।

हालांकि नकवी ने कहा कि पश्चिमी तट के साथ दो बड़ी सूनामी दर्ज की गई है, जिसमें एक 10 मीटर ऊंची थी, जो गुजरात के तट से नवम्बर, 1945 में टकराई थी, जबकि दूसरी सुनामी पांच सदी पहले आई थी, जिसने गुजरात तट के निकट से गुजर रहे पुर्तगाली जहाज को भी प्रभावित किया था।

उन्होंने कहा कि गुजरात के मकरान क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियों के कारण सुनामी आती है। यह क्षेत्र दो प्लेटों के बीच सीमा रेखा है और ‘टेक्टोनिक’ रूप से सक्रिय इलाका है।

नकवी ने कहा, “1945 में एक बड़ा भूकंप आया, जो रिक्टर पैमाने पर 8.1 तीव्रता का था। सुनामी मुंबई से टकराई थी और हमारा मानना है कि यह गोवा में भी आई होगी।”

उन्होंने कहा कि तीसरी सुनामी 3,500 साल पहले धौलावीरा में आई थी। कभी यह बंदरगाह और भारत में हड़प्पा काल का एक बड़ा स्थल था।

वैज्ञानिक ने कहा, “5,000 साल पहले धौलावीरा में लोगों को पता था कि यह सुनामी संवेदी क्षेत्र है, लेकिन आर्थिक रूप से यह बहुत रणनीतिक क्षेत्र था इसलिए उन लोगों ने नगर और बंदरगाह का निर्माण किया। लेकिन उन्होंने सुनामी से रक्षा के लिए 18 मीटर ऊंची दीवार भी बनाई थी।”

नकवी ने कहा कि सुनामी में बर्बाद होने से पहले यह बंदरगाह शहर करीब 1500 साल तक फल-फूल रहा था।

उन्होंने कहा, “मेरी परिकल्पना है कि समुद्री आपदाओं, सुनामी और ऊंची लहरों से रक्षा के लिए यह दीवार बनाई गई थी, क्योंकि उस समय का यह एक बड़ा बंदरगाह शहर था।”

भारत का पश्चिमी तट सुनामी संवेदी क्षेत्र : वैज्ञानिक Reviewed by on . पणजी, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत के पश्चिमी तटीय इलाके में शहरी आवास की योजना बनाते समय नगर नियोजकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि यह क्षेत्र सुनामी संवेदी है।राष्ट् पणजी, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत के पश्चिमी तटीय इलाके में शहरी आवास की योजना बनाते समय नगर नियोजकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि यह क्षेत्र सुनामी संवेदी है।राष्ट् Rating:
scroll to top