मनामा/नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)। भारत और अरब लीग में शामिल देशों ने रविवार को आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की। साथ ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बात पर काफी जोर दिया कि आतंकवाद को धर्म से अलग कर देखना होगा।
मनामा/नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)। भारत और अरब लीग में शामिल देशों ने रविवार को आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की। साथ ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बात पर काफी जोर दिया कि आतंकवाद को धर्म से अलग कर देखना होगा।
सुषमा स्वराज ने भारत-अरब भागीदारी सम्मेलन की प्रथम मंत्रीस्तरीय बैठक में कहा, “आतंकवाद और धार्मिक नफरत पूरी दुनिया में अपना घृणित असर फैला रहे हैं, खासकर इतिहास के बेहद खास शहरों में। समय आ गया है कि हम समय में वापस जाएं और अपनी सभ्यता के मूल तत्वों को मुक्त कराएं।”
बैठक में अरब लीग में शामिल 22 देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया। ये देश हैं : अल्जीरिया, बहरीन, कोमोरोस, जिबूती, मिस्र, इराक, जार्डन, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मारीतानिया, मोरक्को, ओमान, स्टेट आफ फिलिस्तीन, कतर, सऊदी अरब, सोमालिया, सूडान, सीरिया, ट्यूनीशिया, संयुक्त अरब अमीरात और यमन।
सुषमा ने कहा, “हमें शारीरिक हिंसा को रोकने के लिए प्रण करना ही होगा। यह प्लेग की तरह फैल रही है।”
उन्होंने कहा, “इस बात को समझने की जरूरत है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें हमारे दिमाग में घुसी हिंसा से निपटना होगा। आतंकी समूहों द्वारा फैलाए जा रहे जहर से निपटना होगा जिन्हें हमारे युवाओं में आधुनिक तकनीक और सोशल साइट की मदद से भरा जा रहा है, जो ऐसी विचारधाराएं और विश्वास हैं जो अपने ही भाई को बेगाना बना देती है, जो अपनी ही मां को शापित बना देती है।”
सुषमा ने कहा, “इतना ही जरूरी यह भी है कि हम आतंकवाद से धर्म को अलग करें। केवल एक ही फर्क है। एक वे लोग हैं जो मानवता में यकीन करते हैं और एक वे हैं जो नहीं करते। आतंकी धर्म का इस्तेमाल करते हैं और तकलीफ सभी धर्मो के मानने वालों को पहुंचाते हैं।”
सुषमा ने कहा, “जिन्हें लगता है कि आतंकी समूहों के चुपचाप समर्थन से फायदा मिलने वाला है, उन्हें समझना होगा कि आतंकियों का अपना अलग एजेंडा है। आतंकी अपने संरक्षक का उसके मुकाबले कहीं खूबी से इस्तेमाल कर रहे हैं जितना कि संरक्षक इनका करने के बारे में सोचते हैं। “
सुषमा ने कहा कि भारत की विविधता में एकता दुनिया के लिए आदर्श का काम कर सकती है। भारत में सभी धर्मो के लोग रहते हैं। हमारा संविधान सभी को समान अधिकार देता है।
भारत और अरब जगत के बीच के संबंधों के बारे में सुषमा ने कहा कि हर क्षेत्र में सहयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा एवं सुरक्षा, संस्कृति और प्रवासी आबादी के मामलों में समान हित है। आज अरब जगत कुल मिलाकर भारत का सबसे बड़ा व्यावसायिक भागीदार है। व्यापार बढ़कर 180 अरब डालर हो गया है।
बैठक के बाद भारत और अरब देशों ने मनामा घोषणा को मंजूरी दी जिसमें आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की गई है। इनमें सीमापार आतंकवाद भी शामिल है। यह कहा गया है कि वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर आतंकवाद के खात्मे के लिए काम करने की जरूरत है।
अरब पक्ष ने यह भी उम्मीद जताई कि अरब राज्यों के साथ मिलकर भारत क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शांति और सुरक्षा को बढ़ाने में प्रभावी भूमिका निभाएगा।
दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई और अस्थाई सदस्यों की संख्या बढ़ाकर इसमें आज की जरूरतों के हिसाब से जल्द से जल्द सुधार करने पर जोर दिया।
सुषमा ने रविवार की बैठक के बाद मनामा में बहरीन के प्रधानमंत्री शहजादे खलीफा बिन सलमान अल खलीफा से मुलाकात की। शनिवार को सुषमा ने बहरीन के शहंशाह हमाद बिन ईसा अल खलीफा से मुलाकात की थी।
सुषमा ने बहरीन के विदेश मंत्री शेख खालिद अल खलीफा से भी द्विपक्षीय वार्ता की। वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच अपनी-अपनी जेलों में बंद एक-दूसरे के नागरिकों की अदला-बदली के समझौते पर दस्तखत किए गए।