एजेंसी के संभाषी का कहना है कि भारत अपने भंडारों की मात्रा 72 दिनों के निरंतर उपयोग के स्तर से बढ़ाकर 90 दिनों के निरंतर उपयोग तक ले जाना चाहता है| इसके कारण विश्व मंडी में तेल की मांग बढ़ सकती है|
उधर विशेषज्ञ इस बारे में कुछ कहने में असमर्थ हैं कि भारत ने यह निर्णय अभी क्यों लिया है, जबकि इन दिनों तेल के दाम ऊंचे हैं|